रक्षा मंत्रालय
आईआईटी हैदराबाद में डीआरडीओ-उद्योग-अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र ने बड़े क्षेत्र में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम का प्रदर्शन किया
Posted On:
31 JAN 2025 6:06PM by PIB Delhi
आईआईटी हैदराबाद में डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) में लार्ज एरिया एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एलएएएम) सिस्टम के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गई है। आईआईटी हैदराबाद, डीआरडीओ की रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, हैदराबाद और उद्योग भागीदारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों ने देश में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के समग्र विकास की उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एलएएएम सिस्टम का अनुप्रयोग प्रदर्शन रॉकेट घटकों के निर्माण के लिए पाउडर आधारित डायरेक्ट एनर्जी डिपोजिशन तकनीक पर आधारित है।
स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई मशीन का बिल्ड वॉल्यूम 1 मीटर x 1 मीटर x 3 मीटर है, जो इसे भारत में सबसे बड़ी धातु एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग मशीनों में से एक बनाता है। यह प्रक्रिया लेजर और ब्लो-पाउडर आधारित डायरेक्ट एनर्जी डिपोजिशन तकनीक पर आधारित है और थर्मल बैलेंसिंग और गति के लिए दोहरे हेड का उपयोग करती है।
हाल ही में, एक मीटर ऊंचाई वाले घटक के निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है, जिससे यह एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग का उपयोग करके बड़े आकार के घटक बनाने की प्रक्रिया में बड़े आकार की श्रेणी में आ गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने डीआईए-सीओई, आईआईटी हैदराबाद को एलएएएम प्रणाली के डिजाइन और विकास तथा प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे धातु के पुर्जों के बड़े पैमाने पर उत्पादन की नई संभावनाएं खुलेंगी, जिससे देश में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में विकास और नवाचार का मार्ग प्रशस्त होगा।
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