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पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की 86वीं बैठक में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए चार रेल और सड़क परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया

Posted On: 25 JAN 2025 7:14PM by PIB Delhi

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के संयुक्त सचिव श्री ई. श्रीनिवास की अध्यक्षता में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की 86वीं बैठक में पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप चार परियोजनाओं (2 रेलवे और 2 राजमार्ग विकास परियोजनाएं) का मूल्यांकन किया गया। सड़क और रेल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए 24 जनवरी 2025 को बैठक बुलाई गई थी।

एनपीजी एनएमपी मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर के एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और समन्वित परियोजना कार्यान्वयन पर केंद्रित है। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ावा देने, यात्रा के समय को कम करने और जिन क्षेत्रों में वे काम करती हैं, उन्हें पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करके क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

इन परियोजनाओं के पूरा होने पर भारत के बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को  मजबूतहोने की उम्मीद है जिससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्बाध कनेक्टिविटी का लाभ देश के हर हिस्से तक पहुंचे।

इन परियोजनाओं का मूल्यांकन और अपेक्षितप्रभाव निम्नलिखितहै।

क. रेल मंत्रालय की परियोजनाएं (एमओआर)

  1. वडोदरा और रतलाम के बीच चौगुना विस्तार (258.94 किमी)

यह परियोजना वडोदरा (गुजरात) और रतलाम (मध्य प्रदेश) के बीच मौजूदा मार्ग के साथ-साथ 258.94 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन जोड़ेगी जिससे पश्चिमी रेलवे के सबसे व्यस्त कॉरिडोर में से एक पर भीड़भाड़ कम होगी। माल ढुलाई और यात्री क्षमता को बढ़ाकरइससे देरी कम होने और महत्वपूर्ण औद्योगिक और बंदरगाह केंद्रों से संपर्क में सुधार होने की उम्मीद है। यह मुंबई-नई दिल्ली कॉरिडोर और गुजरात और मध्य प्रदेश  जैसे प्रमुख मार्गों को जोड़कर मल्टीमॉडल एकीकरण को भी मजबूत करेगा।

  1. मुरारई-बरहरवा तीसरी लाइन (48.9 किमी)

पश्चिम बंगाल और झारखंड में 48.9 किलोमीटर तक फैली इस ब्राउनफील्ड रेलवे परियोजना का उद्देश्य भीड़भाड़ वाले गलियारे में बढ़ती यात्री और माल ढुलाई की मांग को पूरा करना है। मौजूदा खंड 134% से अधिक क्षमता पर काम कर रहा है, जो कोयला, लौह अयस्क, उर्वरक और अन्य थोक वस्तुओं ढुलाई करताहै। तीसरी लाइन के जुड़ने से प्रतीक्षा समय मेंकमीआयेगी, ट्रेन की समयबद्धता में सुधार होगा और समग्र रसद दक्षता में वृद्धि होगी। इसपरियोजनाकेपूरा होने पर,  क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों के लिए अतिरिक्त थोक यातायात को संभालने की उम्मीद है।

बी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)

  1. टीकमगढ़-बड़गांव-घुवारा-शाहगढ़ खंड के लिए पक्की सड़क के साथ दो लेन की मौजूदा सड़क का निर्माण/उन्नयन

यह परियोजना मध्य प्रदेश में NH-539 के 80.70 किलोमीटर के एक महत्वपूर्ण हिस्से को मजबूती के साथ दो लेन में अपग्रेड करेगी, जिससे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच अंतर-राज्यीय संपर्क में सुधार होगाजो टीकमगढ़ शहर को बायपास करेगा। इसका उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करनाकृषि उपज (जैसे गेहूं और दालें) के परिवहन का समर्थन करना और अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध ओरछा जैसे स्थानों में पर्यटन को बढ़ावा देना है।

  1. एनएच-330 के सुल्तानपुर (अहिमाने गांव के पास) से अयोध्या (अयोध्या शहर की रिंग रोड) तक चार लेन वाले ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का निर्माण

65 किलोमीटर की लंबाई वाला यह ग्रीनफील्ड फोर-लेन हाईवे सर्विस रोड के साथ उत्तर प्रदेश में NH-330 के साथ भारी निर्माण वाले क्षेत्रों को बायपास करेगा। नए कॉरिडोर में फ्लाईओवरऔरROB   सहित प्रमुख उन्नयन शामिल होंगे। इसेहाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) के तहत तैयार किया गयाहैऔरयह यात्रा के समय कम करेगा, एक्सेस-नियंत्रित डिज़ाइन के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाएगा और अयोध्या, प्रयागराज और लखनऊ के बीच क्षेत्रीय संपर्क में सुधार करेगा। यह परियोजना अयोध्या के आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को व्यापक आर्थिक लाभ भीपहुंचाएगा

नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों के आधार पर प्रस्तावों का मूल्यांकन कियाजिससे एकीकृत योजना और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित हुई

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एमजी/केसी/एनकेएस/ डीके
 

 


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