प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने पर लोगों का आभार प्रकट किया
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने लैंगिक भेदभाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है: प्रधानमंत्री
इस पहल से कम बाल लिंग अनुपात वाले जिलों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है: प्रधानमंत्री
Posted On:
22 JAN 2025 10:04AM by PIB Delhi
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के आज 10 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यह एक परिवर्तनकारी और जन-शक्ति से संचालित पहल बन गई है और इसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी रही है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान लैंगिक भेदभाव को दूर करने और बालिकाओं को सशक्त बनाने में सहायक रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इस पहल से कम बाल लिंगानुपात वाले जिलों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने इस अभियान को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने वाले सभी हितधारकों की सराहना की।
‘एक्स’ पर अपने कई पोस्ट में उन्होंने लिखा:
"आज हम #बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ अभियान की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। पिछले एक दशक में, यह एक परिवर्तनकारी, जन-संचालित पहल बन गई है और इसमें सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी रही है।"
“#बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ अभियान लैंगिक भेदभाव को दूर करने में सहायक रहा है और साथ ही इसने यह सुनिश्चित करने के लिए सही माहौल तैयार किया है कि बालिकाओं को शिक्षा और अपने सपनों को पूरा करने के अवसरों तक पहुंच मिले।”
"लोगों और विभिन्न सामुदायिक सेवा संगठनों के समर्पित प्रयासों के कारण #बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। कम बाल लिंग अनुपात वाले जिलों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और जागरूकता अभियानों ने लैंगिक समानता के महत्व की गहरी समझ पैदा की है।"
"मैं उन सभी हितधारकों की सराहना करता हूं जिन्होंने इस आंदोलन को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाया है। आइए, हम अपनी बेटियों के अधिकारों की रक्षा करना जारी रखें, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां वे बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सकें। एक साथ मिलकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले वर्ष भारत की बेटियों के लिए और भी अधिक प्रगति और अवसर लेकर आएं। #बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ”
***
एमजी/आरपीएम/केसी/बीयू/वाईबी
(Release ID: 2094993)
Visitor Counter : 193
Read this release in:
English
,
Urdu
,
Marathi
,
Bengali
,
Assamese
,
Punjabi
,
Gujarati
,
Tamil
,
Telugu
,
Kannada
,
Malayalam