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खनन मंत्रालय, कोणार्क, ओडिशा में खनन मंत्रियों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

Posted On: 19 JAN 2025 5:26PM by PIB Delhi

 खनन मंत्रालय, ओडिशा सरकार के सहयोग से, 20-21 जनवरी, 2025 को कोणार्क में खनन मंत्रियों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम "विकसित भारत 2047" के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसमें 16 से अधिक राज्यों के खनन मंत्री, साथ ही केंद्र और ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ मौजूद होंगे।

सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी करेंगे, और ओडिशा के मुख्यमंत्री, श्री मोहन चरण माझी उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शोभा बढ़ाएंगे।

सम्मेलन की प्रमुख बातें

खनन में राज्यों की सर्वोत्तम प्रणालियों पर रिपोर्ट का विमोचन: राज्यों द्वारा लागू किए गए नवोन्मेषी शासन मॉडलों को प्रदर्शित करते हुए, इस रिपोर्ट का उद्देश्य खनन प्रथाओं में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार करना है।

खनन पट्टा प्रणाली (एमटीएस) मॉड्यूल का शुभारंभ: डिजिटल शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम, यह मॉड्यूल खनन कार्यों को सुव्यवस्थित करेगा और जवाबदेही बढ़ाएगा।

स्टार्टअप्स को स्वीकृति पत्र सौंपना: सतत खनन प्रणालियों में नवाचार को बढ़ावा देने वाली पहलों के तहत चयनित स्टार्टअप्स को स्वीकृति पत्र प्राप्त होंगे।

भूवैज्ञानिक मेमोरेंडा (जीएम) और भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) सौंपना: खनन मंत्रालय और राज्यों को विस्तृत डेटा प्रदान किया जाएगा, जिससे अन्वेषण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ द्वारा महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक जीआर का हस्तांतरण: महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की जीआर खनन मंत्रालय को सौंपी जाएंगी, जो महत्वपूर्ण खनिजों में भारत की आत्मनिर्भरता मे सहयोग करेंगी।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को पुरस्कार: खनिज नीलामी और खनन सुधारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।

महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की 5वीं किश्त का शुभारंभ: इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों में अन्वेषण में तेजी लाना और निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करना है, जिससे आयात निर्भरता कम हो।

 

सम्मेलन के फोकस क्षेत्र

यह सम्मेलन राज्य के खनन मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और हितधारकों को महत्वपूर्ण खनन क्षेत्र की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। पर्यावरण और वन मंत्रालय, डीजीएमएस (खान सुरक्षा महानिदेशालय), और रेलवे के अधिकारी खनन क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता, पर्यावरणीय चिंताओं और परिवहन चुनौतियों जैसे प्रमुख मुद्दों पर प्रस्तुतियाँ देंगे। पूरे देश में कुशल, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल खनन कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन विचार-विमर्शों का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप भारत के खनन के ईकोसिस्टम को मजबूत करना है।

खनन मंज्ञियों का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन एक पारदर्शी, टिकाऊ और कुशल खनन ईकोसिस्टम  बनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य "विकसित भारत 2047" के दृष्टिकोण के तहत भारत की खनिज संपदा की क्षमता को उजागर करना और राष्ट्र के विकास में योगदान करना है।

 

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