जल शक्ति मंत्रालय
नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत विशेष स्वच्छता उपाय महाकुंभ 2025 में स्वच्छता को फिर से परिभाषित करेंगे
पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छता के लिए 28,000 से अधिक शौचालय स्थापित किए गए, इसके अलावा 20,000 सामुदायिक मूत्रालय और 37.75 लाख लाइनर बैग श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छता और आराम बढ़ाने के लिए लगाए गए
Posted On:
10 JAN 2025 4:42PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत महाकुंभ 2025 के लिए 152.37 करोड़ रुपये की लागत से विशेष स्वच्छता प्रबंधन उपायों को लागू किया जा रहा है। ये पहल आधुनिक तकनीक को पारंपरिक प्रथाओं के साथ जोड़ती हैं ताकि आयोजन के लिए स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
गंगा की पवित्रता बनाए रखना, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाना महाकुंभ 2025 के आयोजन की सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं। इस आयोजन को पर्यावरण जिम्मेदारी के लिए एक बेंचमार्क के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें पूरे मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने पर बल दिया जा रहा है।
मेला परिसर में 28,000 से अधिक शौचालय स्थापित किए गए हैं, जिनमें सेप्टिक टैंक से सुसज्जित 12,000 फाइबर प्लास्टिक शौचालय और सोखने के गड्ढों वाले 16,100 प्रीफैब्रिकेटेड स्टील शौचालय शामिल हैं। इन शौचालयों का उद्देश्य स्वच्छता सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देते हुए भक्तों के लिए एक आरामदायक और स्वच्छ अनुभव सुनिश्चित करने के लिए 20,000 सामुदायिक मूत्रालय स्थापित किए गए हैं।
आयोजन क्षेत्र में प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, स्रोत पर अपशिष्ट को अलग करने के लिए 20,000 कूड़ेदान लगाए गए हैं । इसके पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया गया है। अपशिष्ट संग्रह और निपटान को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए 37.75 लाख लाइनर बैग प्रदान किए गए हैं। यह सुव्यवस्थित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली आयोजन क्षेत्र को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाए रखेगी। महाकुंभ 2025 के लिए अपनाई गई रणनीतियां न केवल स्वच्छता के लिए उच्च मानक स्थापित करेंगी बल्कि पर्यावरण स्थिरता के लिए देश की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करेंगी।
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का एक आदर्श उदाहरण है। यह गंगा की पवित्रता बनाए रखने, सतत अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों को दर्शाता है। इस पवित्र आयोजन के माध्यम से समाज में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। महाकुंभ 2025 के लिए यह स्वच्छता पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी।
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