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जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक की सिफारिशें


जीएसटी परिषद ने, 1904 के अंतर्गत वर्गीकरण किए हुए, फोर्टिफाइड चावल (एफआरके) पर जीएसटी दर को घटाकर 5% करने की सिफारिश की

जीएसटी परिषद ने जीन थेरेपी पर भी जीएसटी पर पूरी तरह छूट देने की सिफारिश की

जीएसटी परिषद ने मोटर वाहन दुर्घटना कोष के लिए थर्ड पार्टी के मोटर वाहन प्रीमियम से सामान्य बीमा कंपनियों के योगदान पर जीएसटी पर छूट देने की सिफारिश की है

जीएसटी परिषद ने वाउचर के लेनदेन पर कोई जीएसटी नहीं लगाने की सिफारिश की, क्योंकि ये न तो वस्तुओं की आपूर्ति हैं और न ही सेवाओं की आपूर्ति। वाउचर से जुड़े प्रावधानों को भी सरल बनाया जा रहा है।

जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया है कि कर्ज की शर्तों को पूरा न करने पर बैंकों और एनबीएफसी की ओर से उधारकर्ताओं पर लगाए और एकत्र किए गए 'दंडात्मक शुल्क' पर कोई जीएसटी देय नहीं है

जीएसटी परिषद पारित आदेश के संबंध में, जिसमें केवल जुर्माना राशि शामिल है, अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा भुगतान में कमी की सिफारिश करती है

Posted On: 21 DEC 2024 8:23PM by PIB Delhi

55वीं जीएसटी परिषद की बैठक, आज राजस्थान के जैसलमेर में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई।

 

 

बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, गोआ, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री; अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री; इसके अतिरिक्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री (विधानमंडल के साथ) और वित्त मंत्रालय और राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

 

 

जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के साथ-साथ जीएसटी कर दरों में बदलाव, लोगों को राहत प्रदान करने, व्यापार की सुविधा के उपायों और जीएसटी में अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के उपायों से संबंधित निम्नलिखित सिफारिशें कीं।

 

  1. वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव

 

वस्तुएं

 

  1. 1904 के अंतर्गत वर्गीकरण किए हुए, फोर्टिफाइड चावल (एफआरके) पर जीएसटी दर को घटाकर 5% करना।

 

  1. जीन थेरेपी में जीएसटी पर छूट

 

  1. अधिसूचना 19/2019-सीमा शुल्क के अंतर्गत सिस्टम, सब-सिस्टम, उपकरण, पार्ट्स, सब-पार्ट्स, टूल्स, परीक्षण उपकरण, सॉफ्टवेयर पर आईजीएसटी छूट बढ़ाने करने का अर्थ एलआरएसएएम प्रणाली की असेंबली/ मैन्युफैक्चरिंग है

 

  1. ऐसी आपूर्तियों पर जीएसटी दर के बराबर व्यापारी निर्यातकों के लिए आपूर्ति पर क्षतिपूर्ति कर की दर को घटाकर 0.1% करना

 

  1. निर्दिष्ट शर्तों के अधीन अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निरीक्षण टीम की ओर से सभी उपकरणों और खपत योग्य नमूनों के आयात को आईजीएसटी से छूट देना

 

  1. एचएसएन 19 या 21 के अंतर्गत खाने की तैयारियों की खाद्य वस्तुओं पर रियायती 5% जीएसटी दर का विस्तार करना, जो मौजूदा शर्तों के अधीन एक सरकारी कार्यक्रम के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क वितरण के लिए भोजन तैयार करने हेतु आपूर्ति की जाती है

 

सेवाएं

 

  1. बॉडी कॉरपोरेट्स की ओर से प्रदान की जाने वाली प्रायोजन सेवाओं की आपूर्ति को फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत लाना।

 

  1. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164बी के अंतर्गत, गठन किए गए मोटर वाहन दुर्घटना कोष में सामान्य बीमा कंपनियों की ओर से एकत्र किए गए थर्ड पार्टी के मोटर वाहन प्रीमियम से किए गए योगदान पर जीएसटी पर छूट। हिट एंड रन मामलों सहित सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा/ कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए इस कोष का गठन किया गया है।

 

  1. किसी वित्त वर्ष के लिए, होटल की ओर से प्रदान की गई आवास की किसी भी इकाई हेतु, घोषित टैरिफ की परिभाषा को हटाना और दिए गए परिसर की परिभाषाओं (सेवा दर और छूट अधिसूचनाओं से) को आपूर्ति के वास्तविक मूल्य के साथ संबद्ध करने और ऐसे होटल में रेस्तरां सेवाओं पर जीएसटी दरें लागू करने के लिए उपयुक्त रूप से संशोधित करना, जो बीते वित्त वर्ष में किए गए आवास की इकाइयों की 'आपूर्ति के मूल्य' पर निर्भर हैं, जहां बीते वित्त वर्ष में आवास की किसी भी इकाई के लिए 'आपूर्ति का मूल्य’ 7,500 रुपये से अधिक होने पर आईटीसी के साथ 18%, अन्यथा आईटीसी के बिना 5% होगा। इसके अतिरिक्त, यदि होटल चाहे, तो वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले या पंजीकरण प्राप्त करने पर इस आशय की घोषणा देकर, होटल में रेस्तरां सेवाओं पर आईटीसी के साथ 18% की दर से कर का भुगतान करने का विकल्प देना। बदलाव से जुड़ी किसी भी परेशानी से बचने के लिए, उपरोक्त परिवर्तन 01.04.2025 से प्रभावी होंगे।

 

  1. कंपोजीशन लेवी योजना के अंतर्गत पंजीकृत करदाताओं को क्रम संख्या 5एबी की एंट्री से बाहर करने के लिए दिनांक 08.10.2024 के अधिसूचना क्रमांक 09/2024-सीटीआर के जरिए शुरू की गई, जिसके अंतर्गत अपंजीकृत व्यक्ति की ओर से किसी भी वाणिज्यिक/ अचल संपत्ति (आवासीय आवास के अलावा) को पंजीकृत व्यक्ति से किराए पर लिया जाता है, रिवर्स चार्ज तंत्र के तहत लाया गया। इसके अतिरिक्त, दिनांक 08.10.2024 के अधिसूचना क्रमांक 09/2024-सीटीआर के प्रभावी होने की तारीख यानी 10.10.2024 से प्रस्तावित अधिसूचना जारी होने की तारीख तक की अवधि को "जैसा है जहां है" के आधार पर नियमित करना है।

 

वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित अन्य बदलाव

 

  1. सभी पुराने और इस्तेमाल किए गए वाहनों, जिसमें ईवी और अन्य वाहन- 1200 सीसी या उससे अधिक इंजन क्षमता वाले और 4000 मिमी या अधिक लंबाई वाले पुराने और इस्तेमाल किए गए पेट्रोल वाहन; 1500 सीसी या उससे अधिक की इंजन क्षमता और 4000 मिमी या उससे अधिक की लंबाई वाले डीजल वाहन और एसयूवी शामिल हैं, की बिक्री पर जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% करना। [नोट: जीएसटी केवल उस मूल्य पर लागू होता है जो आपूर्तिकर्ता को वाहन बेचने पर मिलने वाला मार्जिन होता है, यानी खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य (मूल्यह्रास) के बीच का अंतर यदि मूल्यह्रास का दावा किया गया है तो मूल्य) और वाहन के मूल्य पर नहीं। साथ ही, यह अपंजीकृत लोगों के मामले में लागू नहीं है।]

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि 50% से अधिक फ्लाई ऐश सामग्री वाले ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (एसीसी) ब्लॉक एचएस 6815 के अंतर्गत आएंगे और इन पर 12% जीएसटी लगेगा।

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि काली मिर्च चाहे ताजी हरी हो या सूखी काली मिर्च और किशमिश जब किसी किसान की ओर से आपूर्ति की जाती है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।

 

  1. सभी वस्तुओं को कवर करने के लिए 'पूर्व-पैकेज्ड और लेबल' की परिभाषा में संशोधन करना, जो खुदरा बिक्री के लिए हैं और जो 25 किलोग्राम या 25 लीटर से अधिक नहीं है, जो विधिक माप विज्ञान अधिनियम के अंतर्गत परिभाषित 'पूर्व-पैक्डहैं, या उस पर चिपकाए गए लेबल पर अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत घोषणाएं अंकित होना आवश्यक है।

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि खाने के लिए तैयार पॉपकॉर्न जो नमक और मसालों के साथ मिलाया जाता है, उसे एचएस 2106 90 99 के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है और यदि प्री-पैकेज्ड और लेबल के अलावा आपूर्ति की जाती है, तो 5% जीएसटी लगता है और यदि प्री-पैकेज्ड और लेबल के साथ आपूर्ति की जाती है, तो 12% जीएसटी लगता है। हालांकि, जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ मिलाया जाता है, जिससे इसका चरित्र शुगर कन्फेक्शनरी (उदाहरण के लिए कारमेल पॉपकॉर्न) में बदल जाता है, तो इसे एचएस 1704 90 90 के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा और इस पर 18% जीएसटी लगता है। इससे पहले के विषयों को "जैसा है जहां है" के आधार पर नियमित करने का निर्णय लिया गया है। (नोट: इस संबंध में कोई नया कर नहीं लगाया गया है और यह केवल एक स्पष्टीकरण है क्योंकि कुछ क्षेत्रीय इकाइयां अलग-अलग कर दरों की मांग कर रही थीं। इसलिए, उत्पन्न विवादों को निपटाने के लिए जीएसटी परिषद की ओर से इस स्पष्टीकरण की सिफारिश की जा रही है।)

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि अधिसूचना क्रमांक 1/2017- दिनांक 28.6.2017 के मुआवजा उपकर (दर) में क्रम संख्या 52बी में ग्राउंड क्लीयरेंस का स्पष्टीकरण 26.07.2023 से लागू है।

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि आरबीआई की दिनांक 28.06.2017 के अधिसूचना क्रमांक 12/2017-सीटी(आर) की क्रम संख्या 34 के कारण विनियमित पेमेंट एग्रीगेटर्स प्रविष्टि के अंतर्गत छूट के लिए पात्र हैं, क्योंकि वे उक्त प्रविष्टि में परिभाषित 'अधिग्रहण बैंक' के दायरे में आते हैं। यह भी स्पष्ट करें कि यह छूट पेमेंट गेटवे (पीजी) और अन्य फिनटेक सेवाओं को कवर नहीं करती है जिनमें धन का निपटान शामिल नहीं है।

 

  1. यह स्पष्ट करने के लिए कि लोन शर्तों का अनुपालन करने पर बैंकों और एनबीएफसी की ओर से उधारकर्ताओं से लगाए और एकत्र किए गए 'दंडात्मक शुल्क' पर कोई जीएसटी देय नहीं है।

 

  1. लेन-देन की सुविधा के लिए उपाय

 

  1. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III में संशोधन

 

  • 01.07.2017 से सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III के पैराग्राफ 8 में खंड (एए) को सम्मिलित करना, ताकि किसी भी व्यक्ति को विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) या मुक्त व्यापार वेयरहाउसिंग जोन (एफटीडब्ल्यूजेड) में गोदाम में रखे गए माल की आपूर्ति, निर्यात या घरेलू टैरिफ क्षेत्र के लिए ऐसे माल की निकासी के मामले में स्पष्ट रूप से प्रदान की जा सके, जिसे तो माल की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा और ही सेवाओं की आपूर्ति के रूप में।

 

  • यह एसईजेड/ एफटीडब्ल्यूजेड में गोदामों में रखे गए माल की आपूर्ति से संबंधित लेन-देन को सीमा शुल्क बांड वाले गोदामों में लेन-देन के लिए जीएसटी में मौजूदा प्रावधान के बराबर लाता है।

 

  1. वाउचर की करयोग्यता से संबंधित मुद्दे

 

जीएसटी के तहत वाउचर की कर योग्यता के संबंध में लंबे समय से चली रही चिंताओं को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, जीएसटी परिषद ने निम्नलिखित सिफारिशें कीं:

 

  1. वाउचर के उपचार में अस्पष्टताओं को हल करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 से धारा 12(4) और 13(4) और सीजीएसटी नियम, 2017 से नियम 32(6) को हटाना।
  2. निम्नलिखित मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी करना:

 

  1. वाउचर में लेन-देन को तो वस्तुओं की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा और ही सेवाओं की आपूर्ति के रूप में।

 

  1. प्रिंसिपल-टू-प्रिंसिपल आधार पर वाउचर का वितरण जीएसटी के अंतर्गत नहीं आएगा। हालांकि, जहां वाउचर प्रिंसिपल-टू-एजेंट आधार पर वितरित किए जाते हैं, ऐसे वितरण के लिए एजेंट की ओर से लिए गए कमीशन/ शुल्क या कोई अन्य राशि जीएसटी के अंतर्गत कर योग्य है।

 

  1. वाउचर से संबंधित अतिरिक्त सेवाएं जैसे विज्ञापन, सह-ब्रांडिंग, मार्केटिंग और प्रचार, अनुकूलन और प्रौद्योगिकी सहायता, ग्राहक सहायता इत्यादि सेवाओं के लिए भुगतान की गई राशि पर जीएसटी लगाया जाएगा।

 

  1. रिडीम नहीं किए गए वाउचर (ब्रेकेज) को जीएसटी के अंतर्गत आपूर्ति के रूप में नहीं माना जाएगा और ब्रेकेज के संबंध में खातों में दर्ज आय पर कोई जीएसटी देय नहीं है।

 

 

  1. कुछ मुद्दों में अस्पष्टता और कानूनी विवादों को दूर करने के लिए सर्कुलर के जरिए स्पष्टीकरण जारी करना।

 

  • क्षेत्रीय संरचनाओं की ओर से विभिन्न अर्थों के कारण निम्नलिखित मुद्दों में स्पष्टता प्रदान करने के लिए सर्कुलर जारी करना:

 

  1. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9(5) के अंतर्गत की गई आपूर्ति के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटरों की ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट को उलटने की आवश्यकता के संबंध में स्पष्टीकरण: जीएसटी परिषद ने सिफारिश की कि धारा 17 (1) या धारा 17 ( 2) सीजीएसटी अधिनियम, 2017 को ईसीओ की ओर से आपूर्ति के संबंध में बनाया जाना आवश्यक है जिसके लिए उन्हें सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9(5) के अंतर्गत कर का भुगतान करना आवश्यक है।