भारी उद्योग मंत्रालय
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ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा

Posted On: 13 DEC 2024 3:30PM by PIB Delhi

भारी उद्योग मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप स्थानीय विनिर्माण को समर्थन देकर भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए निम्नलिखित योजनाएँ तैयार की हैं:

  1. नवोन्वेषी वाहन संवर्द्धन (पीएम ई-ड्राइव) योजना में पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति: देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना 29 सितंबर, 2024 को अधिसूचित की गई थी। इस योजना का परिव्यय 01.04.2024 से 31.03.2026 तक दो वर्षों की अवधि के लिए ₹10,900 करोड़ है। 01.04.2024 से 30.09.2024 तक 06 महीने की अवधि के लिए कार्यान्वित की गई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 को पीएम ई-ड्राइव योजना में शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-ट्रक, ई-एम्बुलेंस और ई-बसों की बिक्री को प्रोत्साहित करना है। यह योजना चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास और वाहन परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन का भी समर्थन करती है।
  2. ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई-ऑटो): सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पीएलआई-ऑटो योजना को मंजूरी दी।
  3. उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: सरकार ने 12 मई, 2021 को देश में एसीसी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ पीएलआई-एसीसी को मंजूरी दी। इस योजना में 50 गीगावॉट घंटे की संचयी एसीसी बैटरी विनिर्माण क्षमता स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
  4. (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और उनके विनिर्माण (फ़ेम) योजना चरण- II (फ़ेम -II): फ़ेम -II को 1 अप्रैल, 2019 से 5 वर्षों की अवधि के लिए लागू किया गया था, जिसका कुल बजटीय समर्थन ₹11,500 करोड़ था। फ़ेम -II के तहत, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों, उनकी असेंबली/सब-असेंबली और पार्ट्स/सब-पार्ट्स का घरेलू विनिर्माण करना था, जिससे घरेलू मूल्य संवर्धन में वृद्धि हो।
  5. पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना: 28 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित इस योजना का परिव्यय ₹3,435.33 करोड़ है और इसका उद्देश्य 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती का समर्थन करना है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में ई-बस ऑपरेटरों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।
  6. भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) : भारत में इलेक्ट्रिक कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को 15 मार्च, 2024 को अधिसूचित किया गया था इस योजना के लिए आवेदकों को न्यूनतम ₹4150 करोड़ का निवेश करना होगा और तीसरे वर्ष के अंत में 25% का न्यूनतम घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) और पांचवें वर्ष के अंत में 50% का डीवीए हासिल करना होगा।

यह जानकारी भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दिया है।

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