शिक्षा मंत्रालय
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भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित पीएम-ई-विद्या चैनल का शुभारंभ


श्रवण बाधित (एचआई) छात्रों के लिए समग्र शिक्षण अनुभव प्रदान करने की दिशा में सरकार का प्रयास

Posted On: 06 DEC 2024 6:51PM by PIB Delhi

परिचय
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल 2.68 करोड़ व्यक्ति दिव्यांग हैं। इनमें से 19% को सुनने में दिक्कत (श्रवण-बाधित) है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि 2023 में भारत में लगभग 63 मिलियन लोग सुनने की समस्या (श्रवण समस्या) से पीड़ित होंगे।

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श्रवण बाधित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 6 दिसंबर 2024 को भारत सरकार ने डीटीएच पर चैनल 31 का शुभारंभ किया, जो श्रवण बाधित छात्रों, विशेष शिक्षकों, दुभाषियों और संबंधित संगठनों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) प्रशिक्षण के लिए समर्पित है। चैनल का शुभारंभ केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय कौशल विकास एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने किया। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो अधिक समावेशी शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए पूरे भारत में आईएसएल को बढ़ावा देने और आदर्श के अनुरूप बनाने का आह्वान करती है। एनईपी स्थानीय सांकेतिक भाषाओं के सम्मान और समावेशन पर भी जोर देती है।

भारतीय शिक्षा व्यवस्था में भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को शामिल करना

भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) एक अच्छी तरह से संरचित भाषा है जो श्रवण-बाधित व्यक्तियों के लिए संचार के प्राथमिक साधन के रूप में कार्य करती है। 2020 में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने आईएसएल में कक्षा I-XII और अन्य शिक्षण सामग्री के लिए पाठ्यपुस्तकों का अनुवाद करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। यह प्रक्रिया 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। छात्रों और शिक्षकों के लिए ऑन-एयर टेलीविजन प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ सरकार अधिक समावेशन को बढ़ावा देते हुए आईएसएल को भारतीय शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने के लिए काम कर रही है।

पीएम ई-विद्या: एक व्यापक डिजिटल शिक्षा पहल

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आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 17 मई 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा पीएम ई-विद्या को लॉन्च किया गया था। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस पहल का उद्देश्य पढ़ने या सीखने में आ रही परेशानी को कम करने के लिए डिजिटल, ऑनलाइन और ऑन-एयर प्लैटफॉर्मों के माध्यम से शिक्षा तक मल्टी-मोड के जरिए पहुंच प्रदान करना है। यह देश भर में न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की परिकल्पना का समर्थन करता है। यह कार्यक्रम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों सहित सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक संसाधन, पाठ्यक्रम और इंटरैक्टिव सामग्री प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।

पीएम ई-विद्या की मुख्य सामग्री :

घटक

विवरण

दीक्षा (स्कूल शिक्षा के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर)

एक राष्ट्रीय डिजिटल प्लैटफॉर्म जो सभी कक्षाओं (एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लैटफॉर्म) के लिए क्यूआर-कोडित 'संलग्न' पाठ्यपुस्तकों सहित उच्च गुणवत्ता वाली -सामग्री प्रदान करता है। अब तक 5.58 करोड़ शिक्षण सत्र और 3.17 लाख -सामग्री रिकॉर्ड की जा चुकी हैं।

पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनल

शुरुआत 12 डीटीएच चैनल हुई जो अब 200 तक विस्तारित हो गए हैं। ये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कक्षा 1 से 12 तक के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में अतिरिक्त शैक्षिक सामग्री प्रदान करते हैं।

स्वयं (स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स))

एक राष्ट्रीय एमओओसी मंच जो उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के साथ क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा देता है। इसके अलावा यह एनआईओएस और एनसीईआरटी के माध्यम से स्कूली पाठ्यक्रम (9वीं-12वीं) भी प्रदान करता है। वर्तमान में 10,000 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनमें 4.1 लाख छात्र एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकृत हैं।

रेडियो, सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई पॉडकास्ट - शिक्षा वाणी

इन प्लैटफॉर्मों का उपयोग उन क्षेत्रों में शैक्षिक सामग्री पहुंचाने के लिए किया जा रहा है जहां इंटरनेट की पहुंच सीमित है।

डिजिटल रूप से सुलभ सूचना प्रणाली (डेजी))

दृष्टि बाधित और श्रवण बाधित छात्रों के लिए विशेष ई-सामग्री- जैसे ऑडियो पुस्तकें, सांकेतिक भाषा वीडियो और "टॉकिंग बुक्स", एनआईओएस वेबसाइट और यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।

वर्चुअल लैब्स और स्किलिंग ई-लैब्स

विज्ञान और गणित (कक्षा 6-12) के लिए 750 वर्चुअल लैब और अनुकरणीय शिक्षण वातावरण के लिए 75 कौशल ई-लैब छात्रों की आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता कौशल को बढ़ाते हैं। ये वर्चुअल लैब्स दीक्षा प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।

शिक्षकों के लिए ई-सामग्री

इसमें स्कूल और शिक्षक शिक्षा के लिए विभिन्न ई-पाठ्यक्रम और डिजिटल संसाधन शामिल हैं, जिनमें इंटरैक्टिव वीडियो, ऑडियोबुक और छात्रों और शिक्षकों के लिए क्विज जैसे डिजिटल कार्यक्रम शामिल हैं।

 

पीएम ई-विद्या का लक्ष्य डिजिटल विभाजन को कम करना और देश भर के सभी छात्रों के लिए समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। अपने विविध घटकों के माध्यम से यह छात्रों और शिक्षकों दोनों को डिजिटल शिक्षण वातावरण के अनुकूल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करता है।

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पीएम ई-विद्या ने यूनेस्को से मान्यता हासिल की

शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग की पहल पीएम ई-विद्या को कोविड-19 महामारी के दौरान इसके प्रभावी उपयोग को देखते हुए यूनेस्को द्वारा 2022 में मान्यता दी गई थी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के तहत केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) को 2021 में शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए यूनेस्को किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार सभी के लिए शैक्षिक अवसरों का विस्तार करने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग को मान्यता देता है, जो सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा, विशेष रूप से शिक्षा पर लक्ष्य 4 के साथ जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष

भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को समर्पित पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल 31 का शुभारंभ भारत में श्रवण-बाधित छात्रों के लिए एक समावेशी और सुलभ शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपनी व्यापक पहुंच और पीएम ई-विद्या ढांचे में एकीकरण के साथ आईएसएल डीटीएच चैनल में एक अधिक न्यायसंगत शैक्षिक वातावरण बनाने की क्षमता है, जहां प्रत्येक शिक्षार्थी अपनी सुनने की क्षमता की परवाह किए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकता है। अंततः यह पहल अधिक समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है, जहां शिक्षा बाधाओं को पार करती है और सभी के लिए अवसरों को बढ़ावा देती है।


संदर्भ

https://dsel.education.gov.in/sites/default/files/update/PIB1945057.pdf

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https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2080565

https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1982424

https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1835296

https://pmevidya.education.gov.in/index.html

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/175/AU4460.pdf?source=pqals

https://www.who.int/india/campaigns/world-hearing-day-2023


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