अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय
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उद्यमिता के माध्यम से हाशिए के समुदायों को सशक्त बनाने के लिए एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई कल समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे

Posted On: 06 DEC 2024 1:49PM by PIB Delhi

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) तथा दलित भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (डीआईसीसीआई) 7 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में हाशिए के समुदायों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली के नालंदा हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार (आईएएस), डीआईसीसीआई के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले, एनएमडीएफसी की सीएमडी डॉ. आभा रानी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

इस प्रस्तावित साझेदारी से समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई की विशेषज्ञता और संसाधनों को मिलाकर अल्पसंख्यकों और हाशिए के समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है। एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई के बीच सहयोग कायम करना आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उद्यमिता को बढ़ावा देने से व्यक्तियों को रोजगार सृजनकर्ता और रोल मॉडल बनने का अधिकार मिल रहा है। इससे पूरे देश के जन-जीवन और समुदायों में बदलाव आ रहा है।

एनएमडीएफसी ने स्वरोजगार और आय सृजन से जुड़ी गतिविधियों के लिए रियायती वित्त पोषण प्रदान करने के अपने अधिदेश के साथ, 1994 में अपनी स्थापना के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 24 लाख से अधिक परिवारों के जीवन को बदल दिया है। इसमें 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सहायता शामिल है। डीआईसीसीआई को हाशिए के समूहों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के लिए जाना जाता है। इसने व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व विकसित करने और सतत विकास के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों संगठनों के बीच इस समझौता ज्ञापन का लक्ष्य है:

जागरूकता पैदा करना: आर्थिक विकास के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में उद्यमिता को बढ़ावा देना।

ऋण सहायता: उद्यमियों को स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाना जो दूसरों के लिए रोजगार पैदा करते हैं।

नीति पर जोर: विकासोन्मुखी परिणामों के लिए स्थायी व्यावसायिक प्रणालियों और नीतियों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करना।

युवाओं को प्रेरणा: महत्वाकांक्षी व्यक्तियों के लिए उद्यमिता को एक लाभदायक करियर के रूप में बढ़ावा देना।

इस समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, एनएमडीएफसी डीआईसीसीआई द्वारा चिन्हित उद्यमियों को रियायती ऋण प्रदान करेगा। इससे वे व्यवसाय स्थापित कर सकेंगे और आर्थिक विकास में योगदान देंगे। सहयोग में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत सुधारों पर जोर दिए जाने की भी परिकल्पना की गई है।

एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई के बीच साझेदारी समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने में सहयोगी प्रयासों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करने की उम्मीद है। यह समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने में सामूहिक कार्रवाई के महत्व को चिन्हित करता है।

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