पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
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पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2024 4:04PM by PIB Delhi

पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) की घोषणा केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्रीय क्षेत्र की एक नई योजना के रूप में 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के साथ 1500 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय सहित की गई। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2025- 2026 की अवधि के लिए 6600 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ इस योजना को मंजूरी दी।

इस योजना का उद्देश्य राज्यों की ज़रूरतों के आधार पर बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करके पूर्वोत्तर क्षेत्र का त्‍वरित और समग्र विकास करना है। पीएम-डिवाइन योजना के उद्देश्य हैं: (i) पीएम गति शक्ति की भावना अनुरूप बुनियादी ढांचे को एकीकृत रूप से वित्तपोषित करना; (ii) पूर्वोत्तर क्षेत्र की ज़रूरतों के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं का समर्थन करना; (iii) युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों को सक्षम बनाना; और (iv) विभिन्न क्षेत्रों में विकास की कमियों को दूर करना।

योजना के इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित सात परियोजनाओं सहित 4857.11 करोड़ रुपये की कुल 35 परियोजनाओं को 30.11.2024 तक मंजूरी दी गई।

भारत सरकार पूर्वोत्तर सहित देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता करती है। भारत सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए 01.04.2017 को पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना (एनईआईडीएस) शुरू की थी, जिसे 12.04.2018 को अधिसूचित किया गया था। यह योजना 31.03.2022 को समाप्त हो गई। क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को संवर्धित करने, रोजगार के अवसरों का सृजन करने तथा क्षेत्र में लचीलेपन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों की सहायता करने के लिए भारत सरकार ने  9 मार्च, 2024 को एक नई योजना उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण योजना (उन्नति) शुरू की। उन्नति योजना के तहत, औद्योगिक इकाइयों को निम्नलिखित विशिष्ट प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं:

i.              पूंजी निवेश प्रोत्साहन

ii.             पूंजी ब्याज आर्थिक सहायता

iii.           विनिर्माण और सेवा से जुड़े प्रोत्साहन

सभी गैर-छूट प्राप्त केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के लिए अपने वार्षिक सकल बजटीय आवंटन का कम से कम 10 प्रतिशत एनईआर के विकास के लिए निर्धारित करना अनिवार्य है। वित्‍त वर्ष 2019-20 से वित्‍त वर्ष 2023-24 तक पिछले 5 वर्षों के दौरान, गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों ने एनईआर के विकास के लिए 3,53,412 करोड़ रुपये का अनंतिम व्यय किया है।

यह जानकारी केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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एमजी/केसी/आरके


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