सहकारिता मंत्रालय
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ईआरपी सॉफ्टवेयर पर पीएसीएस की ऑनबोर्डिंग

Posted On: 03 DEC 2024 3:37PM by PIB Delhi

सरकार ने 15.02.2023 को, देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर इसकी पहुंच को गहरा करने की योजना को मंजूरी दे दी थी। योजना में भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से अगले पांच वर्षों में देश के सभी पंचायतों/ गांवों को कवर करने वाली नई 2 लाख बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (एम-पीएसीएस), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों के सहयोग से डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), पीएम मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), आदि की स्थापना शामिल है। योजना के सुचारू तरह से काम करने को सुनिश्चित करने के लिए, 19.09.2024 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (मार्गदर्शिका) शुरू की गई है जो संबंधित हितधारकों के लिए लक्ष्य और समयसीमा दर्शाती है।

कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करने के उद्देश्य से, भारत सरकार ₹2,516 करोड़ के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ कार्यात्मक पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना को कार्यान्वित कर रही है, जिसमें सभी कार्यात्मक पीएसीएस को कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर आधारित ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) पर लाना शामिल है, जो उन्हें राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से जोड़ता है। ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) आधारित कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम (सीएएस) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के माध्यम से पीएसीएस के प्रदर्शन में दक्षता लाता है।

30 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 67,930 पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है, जिसके लिए 699.89 करोड़ रुपये संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को भारत सरकार के हिस्से के रूप में जारी किए गए हैं। कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नाबार्ड को 165.92 करोड़ रुपये 21.11.2024 तक, उत्तर प्रदेश राज्य के 2,505 पैक्स सहित कुल 4,0727 पैक्स को ईआरपी सॉफ्टवेयर पर शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य सहित ईआरपी ऑनबोर्डिंग, हार्डवेयर डिलीवरी, गो-लाइव इत्यादि परियोजना के तहत पैक्स के डिजिटलीकरण की राज्य-वार प्रगति अनुलग्नक के रूप में संलग्न है।

पीएसीएस के डिजिटलीकरण में प्रगति का विवरण पहले से ही अनुलग्नक में उल्लिखित है। परियोजना के तहत पैक्स को रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। गुजरात राज्य के 5,754 स्वीकृत पीएसीएस सहित सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 3.91 लाख रुपये प्रति पैक्स जिसमें हार्डवेयर की लागत (1,22,158 रुपये/-), सॉफ्टवेयर (72,103 रुपये/-), प्रशिक्षण (10,198 रुपये/-), सहायता प्रणाली की स्थापना (1,86,910 रुपये/-) शामिल है।गुजरात राज्य में परियोजना के तहत कुल 115 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

 

अनुलग्नक

 

पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण परियोजना के तहत पैक्स के डिजिटलीकरण की राज्य-वार प्रगति

 

क्रम संख्या

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

स्वीकृत पीएसीएस

ऑनबोर्डेड ईआरपी

पीएसीएस की संख्या, जहां हार्डवेयर वितरित किया गया

ईआरपी - गो लाइव

1

महाराष्ट्र

12,000

9,161

8,000

5,570

2

राजस्थान

6,781

3,025

5,492

1,876

3

गुजरात

5,754

3,838

5,752

2,216

4

उत्तर प्रदेश

5,686

2,505

3,062

2,429

5

कर्नाटक

5,491

487

5,491

43

6

मध्य प्रदेश

4,536

4,524

4,534

4,513

7

तमिलनाडु

4,532

4,494

4,532

4,332

8

बिहार

4,495

4,043

4,475

3,702

9

पश्चिम बंगाल

4,167

148

1,647

61

10

पंजाब

3,482

1,580

3,420

627

11

आंध्र प्रदेश

2,037

30

2,037

29

12

छत्तीसगढ

2,028

2,019

2,024

1,994

13

हिमाचल प्रदेश

1,789

829

870

616

14

झारखंड

1,500

1,403

1,500

1,403

15

हरयाणा

710

687

710

633

16

उत्तराखंड

670

185

670

185

17

असम

583

567

583

532

18

जम्मू एवं कश्मीर

537

532

535

529

19

त्रिपुरा

268

247

268

241

20

मणिपुर

232

23

-

18

21

नगालैंड

231

33

231

33

22

मेघालय

112

108

109

107

23

सिक्किम

107

104

107

101

24

गोवा

58

32

58

27

25

एएनआई

46

44

46

43

26

पुदुचेरी

45

31

45

31

27

मिजोरम

25

25

25

24

28

अरुणाचल प्रदेश

14

14

14

13

29

लद्दाख

10

9

10

8

30

दादरा और नगर हवेली दमन एवं दीव

4

-

4

-

 

कुल

67,930

40,727

56,251

31,936

 

यह बात सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

 

एमजी/केसी/एमएम


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