युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना
Posted On:
02 DEC 2024 6:35PM by PIB Delhi
‘खेल’ एक राज्य विषय है, इसलिए पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और उनकी प्रतियोगिताओं को आयोजित करने सहित खेलों के विकास की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की है। केंद्र सरकार केवल महत्वपूर्ण अंतराल को पाटकर उनके प्रयासों को पूरक बनाती है।
हालांकि खेलो इंडिया योजना का उप-घटक ‘ग्रामीण और स्वदेशी और आदिवासी खेलों को बढ़ावा देना’ विशेष रूप से देश में ग्रामीण और स्वदेशी और आदिवासी खेलों के विकास और प्रचार के लिए समर्पित है।
इसके अंतर्गत प्रचार के लिए मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम जैसे स्वदेशी और पारंपरिक खेलों की पहचान की गई है और ये खेल सालाना आयोजित होने वाले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी और युवा खेलों का हिस्सा हैं।
इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, उपकरण सहायता, प्रशिक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और चिन्हित एथलीटों को छात्रवृत्ति के लिए अनुदान स्वीकृत किए जाते हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने दी।
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एमजी/ केसी/एसके
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