श्रम और रोजगार मंत्रालय
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि
Posted On:
28 NOV 2024 5:02PM by PIB Delhi
नवीनतम वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 से 2023-24 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए सामान्य स्थिति पर रोजगार और श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) को दर्शाने वाला अनुमानित श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) निम्नानुसार है:
सर्वेक्षण वर्ष
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डब्ल्यूपीआर (%)
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एलएफपीआर (%)
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2017-18
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22.0
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23.3
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2018-19
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23.3
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24.5
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2019-20
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28.7
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30.0
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2020-21
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31.4
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32.5
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2021-22
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31.7
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32.8
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2022-23
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35.9
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37.0
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2023-24
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40.3
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41.7
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स्रोत: पीएलएफएस
आंकड़े बताते हैं कि श्रमबल और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई है।
रोजगार सृजन के साथ-साथ रोजगार क्षमता में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए विभिन्न पहल/उपाय किए हैं।
सरकार ने महिला श्रमिकों के लिए समान अवसर और अनुकूल कार्य वातावरण के लिए श्रम कानूनों में अनेक प्रावधान शामिल किए हैं, जैसे कि मातृत्व अवकाश, लचीले कार्य घंटे, समान मजदूरी आदि।
सरकार महिला एलएफपीआर के साथ-साथ समग्र एलएफपीआर को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), स्टैंड-अप इंडिया योजना, स्टार्टअप इंडिया, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं- किरण (वाइज-किरण), एसईआरबी-पावर (खोजपूर्ण अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देना), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन आदि। भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं/कार्यक्रमों का विवरण https://dge.gov.in/dge/schemes_programmes पर देखा जा सकता है।
महिला श्रमिकों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
इसके अलावा, सरकार ने बजट 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की थी। बजट में अन्य नीतिगत हस्तक्षेपों के अलावा, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी के लिए उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और क्रेच स्थापित करने की भी घोषणा की गई थी।
यह जानकारी आज केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे द्वारा राज्यसभा में दी गई है।
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