पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
पूर्वोत्तर अवसंरचना विकास योजना
Posted On:
27 NOV 2024 3:30PM by PIB Delhi
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने पिछले 3 वित्तीय वर्षों 2021-22 से 2023-24 और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) के अंतर्गत 3417.68 करोड़ रुपये की लागत वाली 90 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। राज्यवार और योजनावार विवरण अनुलग्नक-I में हैं।
एनईएसआईडीएस के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं को पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) की राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्वित किया जाता है और इन परियोजनाओं की निगरानी की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है। पूर्वोतर क्षेत्र विकास मंत्रालय विभिन्न स्तरों पर एनईएसआईडीएस के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं की प्रगति की भी निगरानी करता है।
पूर्वोतर क्षेत्र विकास मंत्रालय और एनईसी के अधिकारी नियमित आधार पर चुनिंदा परियोजनाओं का निरीक्षण करते हैं। मंत्रालय द्वारा सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों में फील्ड तकनीकी सहायता इकाइयाँ (एफटीएसयू) स्थापित की गई हैं। यह नियमित रूप से परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ बातचीत करती हैं और एमडीओएनईआर के गति शक्ति पोर्टल पर परियोजनाओं के डेटाबेस को बनाए रखती हैं और अपडेट करती हैं। साथ ही चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण भी करती हैं।
एनईएसआईडीएस सहित एमडीओएनईआर की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं की निगरानी तंत्र को और मजबूत करने के लिए परियोजना गुणवत्ता मॉनिटर/तृतीय पक्ष तकनीकी निरीक्षण (पीक्यूएम/टीपीटीI) इकाइयों की नियुक्ति के लिए एसओपी फरवरी 2024 में जारी की गई है। 20 करोड़ रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं का निरीक्षण पीक्यूएम द्वारा किया जा रहा है और 20 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना आकार वाली बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी के लिए एनईआर में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों को तृतीय पक्ष तकनीकी निरीक्षण (टीपीटीआई) एजेंसियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की एनईएसआईडीएस योजना के दो घटक हैं: एनईएसआईडीएस (सड़कें) और एनईएसआईडीएस सड़क से अलग अवसंरचना (ओटीआरआई)। एनईएसआईडीएस (सड़कें) के अंतर्गत, केवल सड़कों/पुलों और सहायक अवसंरचना में परिसंपत्तियों के निर्माण की परियोजनाओं को मंजूरी के लिए विचार किया जाता है। एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) के अंतर्गत, प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा, जल आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक विकास, नागरिक उड्डयन, खेल, दूरसंचार के लिए अवसंरचना के निर्माण की परियोजनाओं को मंजूरी के लिए विचार किया जाता है। इन परियोजना आकार 5 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये के बीच होता है।
सभी पूर्वोत्तर राज्य एनईएसआईडीएस के अंतर्गत लागू उनके मानक आवंटन की सीमा तक परियोजनाओं की मंजूरी के लिए पात्र हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने दी।
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