पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
दो वर्षों में ही आईईडब्ल्यू वैश्विक ऊर्जा कैलेंडर का प्रमुख हिस्सा बन गया है: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी
आईईडब्ल्यू का अगला संस्करण 11 से 14 फरवरी 2025 तक यशोभूमि, द्वारका में आयोजित किया जाएगा: हरदीप सिंह पुरी
श्री पुरी ने एफआईपीआई ऑयल एंड गैस अवार्ड्स 2023 समारोह को संबोधित किया, भारत के ऊर्जा क्षेत्र के विकास और सुधारों पर प्रकाश डाला
Posted On:
26 NOV 2024 9:16PM by PIB Delhi
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार ने देश में हाइड्रोकार्बन उद्योग के सभी क्षेत्रों (अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम) में ऐतिहासिक सुधार किए हैं।" श्री पुरी ने कहा कि इन सुधारों में कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधता लाना, गैस मूल्य निर्धारण सुधार और प्रतिबंद्धित क्षेत्रों को खोलना शामिल है, जिसका उद्देश्य भारत के लिए एक स्थायी, किफायती और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य का निर्माण करना है। श्री हरदीप सिंह पुरी ने तेल क्षेत्र विनियमन और विकास अधिनियम (ओआरडी) में संशोधन और रिफाइनरी क्षमताओं का विस्तार करने और पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया।
श्री हरदीप सिंह पुरी भारतीय पेट्रोलियम उद्योग महासंघ (एफआईपीआई) ऑयल एंड गैस अवार्ड्स 2023 समारोह को संबोधित कर रहे थे, जिसमें 20 से अधिक पुरस्कार श्रेणियों में उत्कृष्टता, नवाचार और नेतृत्व को सम्मानित किया गया, इनमें “डिजिटली एडवांस्ड कंपनी ऑफ द ईयर”, “सस्टैनबली ग्रोईंग कॉर्पोरेट ऑफ द ईयर”, “इनोवेटर ऑफ द ईयर” और “बेस्ट स्टार्टअप इन एनर्जी सेक्टर” शामिल हैं। पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में उत्कृष्ट व्यक्तियों को “यंग अचीवर ऑफ द ईयर” जैसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन और प्रमुख तेल/गैस सार्वजनिक उपक्रमों के मुख्य प्रबंध निदेशक भी उपस्थित रहे।
ऊर्जा क्षेत्र में देश की प्रगति के बारे में बात करते हुए, श्री पुरी ने कहा कि तीन वर्षों की संदर्भ अवधि में ईंधन की कीमतों में कमी जैसी प्रमुख उपलब्धि प्राप्त करने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश बन गया है। भारत में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें दुनिया भर में सबसे कम हैं, प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थी परिवारों के लिए इसकी कीमत 6 रुपये प्रतिदिन और जो परिवार इस योजना के लाभार्थी नहीं है उनके लिए 14 रुपये प्रतिदिन है। उन्होंने रिफाइनरी क्षमता में वर्ष 2014 में 215 एमएमटीपीए से वर्ष 2024 में 256.8 एमएमटीपीए तक विस्तार का भी उल्लेख किया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2028 तक 310 एमएमटीपीए तक पहुंचना है। भारत वर्ष 2030 तक अपने अन्वेषण क्षेत्र को 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें वर्ष 2025 तक 16 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।
श्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को वर्ष 2014 में 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2024 में 16 प्रतिशत करने में सरकार की सफलता पर भी प्रकाश डाला, जिसका लक्ष्य अगले वर्ष 20 प्रतिशत तक पहुंचना है। यह उपलब्धि भारत को ब्राजील के बाद जैव ईंधन मिश्रण में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है। मंत्री महोदय ने सिटी गैस वितरण परियोजना(सीजीडी) में हुए विस्तार को भी रेखांकित किया, जिसमें वर्ष 2024 में सौ प्रतिशत विस्तार की उम्मीद है, जबकि वर्ष 2014 में यह केवल 5.5 प्रतिशत था।
मंत्री महोदय ने कहा कि भारत का ऊर्जा परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें सरकारी पहलों और निवेशकों के विश्वास से प्रेरित डीपटेक स्टार्ट-अप में उछाल आया है। भारतीय उद्यमियों ने पिछले पांच वर्षों में डीपटेक में 1,400 से अधिक पेटेंट के लिए आवेदन किए हैं, 1 लाख से अधिक स्टार्ट-अप और लगभग 120 यूनिकॉर्न के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप तंत्र हैं।
श्री पुरी ने भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) 2024 के दूसरे संस्करण की सफलता के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने घोषणा की कि भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) 2024-25 का अगला संस्करण यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में 11 से 14 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। श्री पुरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईईडब्ल्यू महत्वपूर्ण वैश्विक ऊर्जा मंच बन गया है, जिसने लाखों डॉलर का कारोबार आकर्षित किया है। यह मंच दुनिया भर के ऊर्जा पेशेवरों के लिए एक नया बैठक स्थल बन गया है।
भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि, बढ़ते उपभोक्ता आधार और अनुकूल निवेश वातावरण के साथ केवल दो वर्षों में ही भारत ऊर्जा सप्ताह ने वैश्विक ऊर्जा कैलेंडर में अपना विशेष स्थान बना लिया है। श्री पुरी ने बताया कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र को उसके नवाचार और क्षमता के लिए तेजी से मान्यता मिल रही है।
श्री हरदीप सिंह पुरी ने आगामी आईईडब्ल्यू 2025 के बारे में बताया कि इसमें 700 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे और इस आयोजन के दौरान होने वाले 105 सम्मेलनों में 70,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। 2024 के संस्करण में 600 से अधिक प्रदर्शकों और 45 रणनीतिक और 46 तकनीकी सम्मेलनों की भागीदारी देखी गई थी। आईईडब्ल्यू 2025 में 10 से अधिक देश अपने मंडप लगाएंगे जहां भारत के ऊर्जा इकोसिस्टम के वैश्विक महत्व को दर्शाया जाएगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आईईडब्ल्यू 2025 को केवल एक सम्मेलन नहीं बल्कि एक हरित, स्मार्ट और अधिक स्थायी ऊर्जा इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक बड़े बदलाव के रूप में देखने का आह्वान किया।
श्री हरदीप सिंह पुरी ने पुरस्कार विजेताओं और नामांकित व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए बधाई दी, जो ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
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