सूचना और प्रसारण मंत्रालय
एक सफल फिल्म बनाने के लिए आपको अपनी झिझक और डर को दूर रखना होगा और एक दूसरे पर पूरा भरोसा रखना होगा: फिलिप नोयस
एक निर्देशक के तौर पर आप उतने ही अच्छे हैं जितनी आपकी स्क्रिप्ट है: नोयस
जाने माने फिल्म निर्माता फिलिप नोयस ने 55वें इफ्फी में ‘हाउ टू सक्सीड इन न्यू हॉलीवुड’ विषय पर मास्टरक्लास को संबोधित किया
एक सर्कस में रिंगमास्टर बनने की चाहत से लेकर हॉलीवुड की चकाचौंध भरी और आकर्षक लेकिन चुनौतीपूर्ण दुनिया में निर्देशक बनने तक के दिग्गज फिल्म निर्माता फिलिप नॉयस का सफर धैर्य और दृढ़ता की एक अति-प्रेरणादायक कहानी है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता फिलिप नॉयस, जिन्हें इस वर्ष सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, ने आज गोवा के कला अकादमी में आयोजित 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में “हाउ टू सक्सीड इन न्यू हॉलीवुड” विषय पर मास्टरक्लास दी।
देश भर से आए उत्साही युवा फिल्म निर्माताओं को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए नोयस ने नवोदित फिल्म निर्माताओं को कई टिप्स दिए। नोयस ने कहा, "हॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ बाधाओं को पार करना पड़ता है।" “पिछले कुछ वर्षों में मैंने हॉलीवुड में बने रहने के कुछ व्यवसायिक रहस्य सीखे हैं। सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है टीम के सदस्यों का एक दूसरे पर विश्वास।” फिल्म शुरू होने से पहले अपने फिल्म निर्माण दल के प्रत्येक सदस्य पर विश्वास बनाए रखने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "एक सफल फिल्म बनाने के लिए आपको अपनी झिझक और डर को दूर करना होगा और एक दूसरे पर पूरा विश्वास रखना होगा। अंत में सब कुछ दृढ़ विश्वास और भरोसे पर निर्भर करता है।”
इस दिग्गज फिल्म निर्माता ने कहा, "अगर आपको सही क्रू और सही आइडिया मिल जाए तो आप एक बेहतरीन फिल्म बना सकते हैं।"
ऑस्ट्रेलिया के दूरदर्शी फिल्म निर्माता श्री नोयस फिलिप ने अपनी यात्रा छोटी उम्र से ही शुरू कर दी थी। “अक्सर मैं अपने पड़ोस में हो रहे सर्कस को करीब से देखने के लिए वहां जाता था। उस उम्र में रिंगमास्टर की नौकरी मुझे सबसे ज्यादा आकर्षक लगती थी क्योंकि एक रिंगमास्टर जानवरों से लेकर अपने दल के सदस्यों तक सब पर नियंत्रण रखना जानता था। इसलिए, मैं भी रिंगमास्टर बनना चाहता था।” नोयस ने बताया कि बाद में उन्हें एहसास हुआ की वह दर्शकों की हंसी की आवाज किसी भी चीज से ज्यादा सुनना चाहते थे, जिसने दशकों तक दर्शकों का मनोरंजन करते हुए शो बिजनेस में उनके करियर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
नॉयस ने बतौर निर्देशक वर्ष 1975 में अपनी शुरुआत की थी, हालांकि, उन्हें बाद में 1978 में अपनी फिल्म न्यूज़फ्रंट के साथ समीक्षक और व्यावसायिक सफलता मिली।
श्री नॉयस ने इस बात पर जोर दिया कि एक लेखक किसी भी फिल्म की रीढ़ होता है। उन्होंने कहा, “एक निर्देशक के तौर पर आप उतने ही अच्छे होते हैं जितनी अच्छी आपकी स्क्रिप्ट होती है।” “आपको अपने लेखक के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। एक सुसंगत और ठोस स्क्रिप्ट आपकी फिल्म को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है। निर्देशक और लेखक के बीच का रिश्ता किसी भी फिल्म में एक महत्वपूर्ण कारक होता है।”
फिल्म के बजट के विषय पर बात करते हुए नोयस ने कहा, "आपको अधिक राजस्व कमाने के लिए छोटे बजट में फिल्में बनाना सीखना होगा। अपने संसाधनों को संशोधित करना महत्वपूर्ण है। इसे सुनिश्चित करने का एक तरीका आधुनिक तकनीक का उपयोग करना है ताकि क्रू के बजट और जोखिम को कम किया जा सके।”
प्री-प्रोडक्शन प्रक्रिया, योजना, स्टोरी-बोर्ड सभी फिल्म निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व हैं। श्री नोयस ने संक्षेप में कहा, "एक फिल्म को प्रोडक्शन हाउस, अभिनेताओं और फिल्म निर्माण प्रक्रिया में शामिल अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा मंजूरी मिलने से पहले कई बार बनाना पड़ता है।"
यह सत्र इस महान फिल्म निर्माता की प्रतिभा का प्रमाण था। कहानीयों को बताने की अपनी इस गहन कला पद्धति से उन्होंने पूरे सत्र में कई होनहार फिल्म निर्माताओं को प्रेरित किया।
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एमजी/केसी/डीवी
(Release ID: 2077242)
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