पंचायती राज मंत्रालय
राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आगरा में “जीवन जीने में आसानी: जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाना” विषय पर पंचायत सम्मेलन का उद्घाटन किया
हमारी पंचायतें बदलाव की उत्प्रेरक हैं, "प्रधानपति" की प्रथा महिला नेतृत्व को कमजोर करती है: प्रो. एसपी सिंह बघेल
स्मार्ट पंचायतों पर जोर ; स्वयं स्रोत राजस्व उत्पन्न करना
Posted On:
19 NOV 2024 6:39PM by PIB Delhi
"जीवन जीने में आसानी: जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाना" विषय पर पंचायत सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री, प्रो. एसपी सिंह बघेल, ने 19 नवंबर, 2024 को आगरा में उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री, श्री ओम प्रकाश राजभर, पंचायती राज मंत्रालय, सचिव, श्री विवेक भारद्वाज, उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री नरेंद्र भूषण और पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर की विशिष्ट उपस्थित की।
चार पंचायत सम्मेलनों की श्रृंखला में दूसरा, आगरा पंचायत सम्मेलन में आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान, अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ तीन-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित गणमान्य व्यक्तियों की एक प्रभावशाली सभा हुई। सम्मेलन में लगभग 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया। विविध भौगोलिक स्पेक्ट्रम का प्रतिनिधित्व करते हुए, सम्मेलन में सात राज्यों: असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, नागालैंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से प्रतिभागी शामिल हुए। इस रणनीतिक प्रतिनिधित्व ने भारत के बहुआयामी ग्रामीण शासन परिदृश्य को प्रतिबिंबित करने वाली एक व्यापक बातचीत सुनिश्चित की।
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रो. एसपी सिंह बघेल ने जमीनी स्तर पर शासन की बदलाव लाने की क्षमता पर जोर दिया: " हमारी पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयाँ नहीं, बल्कि परिवर्तन की उत्प्रेरक हैं। डिजिटल सशक्तिकरण और अभिनव सेवा वितरण के माध्यम से, हम ग्रामीण विकास को एक सहयोगी, समावेशी यात्रा के रूप में फिर से परिभाषित कर रहे हैं"। प्रो. एसपी सिंह बघेल ने पंचायतों में महिलाओं के नेतृत्व को कमजोर करने वाली 'प्रधानपति' (पति का हस्तक्षेप) की प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया।
प्रो. बघेल ने पंचायतों से ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और नागरिकों को मौसम का पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए मेरी पंचायत ऐप का उपयोग करने का आग्रह किया । ग्रामीण पलायन की समस्या को संबोधित करते हुए, राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि बेहतर सेवा वितरण और जीवन को आसान बनाने से गांवों से पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा, "स्मार्ट गांव लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करेंगे ," उन्होंने पंचायतों को स्वयं के स्रोत से राजस्व (ओएसआर) उत्पन्न करने और अन्य राज्यों के सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने के लिए प्रोत्साहित किया । उन्होंने सुविधाओं में सुधार और पंचायत की आय बढ़ाने के लिए गांवों में बहुउद्देश्यीय सामुदायिक हॉल की वकालत की।
विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर, प्रो. बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने शासन में स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ-साथ महिलाओं की गरिमा को भी प्राथमिकता दी है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सरकारी योजनाओं, विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी हर नागरिक तक पहुँचाएँ।
उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने ग्रामीण सशक्तिकरण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, "उत्तर प्रदेश शासन का एक ऐसा मॉडल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ हर पंचायत कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सेवाओं का केंद्र बने। यह सम्मेलन उस दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" श्री ओम प्रकाश राजभर ने घोषणा की कि राज्य 19 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक "शौचालय संवारें, जीवन सुधारें" अभियान चलाएगा ।
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने अपने संबोधन में तकनीकी एकीकरण के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "डिजिटल परिवर्तन केवल तकनीकी परिवर्तन के लिए नहीं है, बल्कि शासन और नागरिकों के बीच की खाई को पाटने के लिए है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि गाँव का हर व्यक्ति सुलभ, कुशल सेवाओं के द्वारा जीवन को आसान बना सके।" उन्होंने विकेंद्रीकरण में उत्तर प्रदेश की तीव्र प्रगति और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के सफल कार्यान्वयन की सराहना की। श्री विवेक भारद्वाज ने कहा कि पिछले एक दशक में ग्रामीण भारत में 'जीवन को आसान बनाने' की दिशा में परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल सेवाओं ने लोगों को लंबी कतारों की परेशानी से मुक्ति दिलाई है।
पंचायत सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के पांच उत्कृष्ट पंचायत सहायकों को उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। पाँच उत्कृष्ट पंचायत सहायक, श्रीमती अनामिका गौतम (जौनपुर), श्री धर्मेन्द्र कुमार (आजमगढ़), श्रीमती रितु चौधरी (गोरखपुर), श्रीमती कोमल मिश्रा (हरदोई), और श्री महफूज आलम (बाराबंकी), को ग्राम पंचायत स्तर पर सेवा वितरण में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस आयोजन का एक अनूठा पहलू भाषाई समावेशन था, जिसमें एआई-संचालित भाषिणी मंच का उपयोग करके ग्यारह भाषाओं में कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया, जिससे भाषाई बाधाओं के पार प्रशासनिक संचार का लोकतंत्रीकरण हुआ।
अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) श्री नरेंद्र भूषण, संयुक्त सचिव, एमओपीआर, श्री आलोक प्रेम नागर, और आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
सम्मेलन का आयोजन विश्व शौचालय दिवस पर किया गया, जिसका 2024 का थीम "शौचालय - शांति का स्थान" इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है, और इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता चुनौतियों का विस्तार से पता लगाया गया, तथा बुनियादी ढांचे और सेवा वितरण अंतराल को दूर करने में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। तकनीकी नवाचारों ने मुख्य भूमिका निभाई, जिसमें राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), वाधवानी फाउंडेशन और यूनिसेफ की प्रस्तुतियों ने सर्विसप्लस प्लेटफॉर्म जैसे अत्याधुनिक डिजिटल समाधान और रैपिडप्रो जैसे डिजिटल सार्वजनिक सामान प्रदर्शित किए।
पंचायत सम्मेलन ने जमीनी स्तर पर डिजिटल सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सामूहिक और सहयोगात्मक प्रतिबद्धता को दोहराया। सम्मेलन का व्यापक उद्देश्य प्रत्येक पंचायत को एक उत्तरदायी, कुशल और पारदर्शी सेवा केंद्र में बदलने पर केंद्रित था। ज्ञान के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और कार्यान्वयन योग्य रणनीति बनाकर, इस कार्यक्रम ने शासन क्रांति के लिए एक मजबूत नींव रखी जो ग्रामीण विकास के प्रतिमानों को फिर से परिभाषित करने का वादा करती है।
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