राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
एनएचआरसी, भारत ने राज्य मानवाधिकार आयोग, अरुणाचल प्रदेश के लिए मानवाधिकारों पर तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, एनएचआरसी के महासचिव, श्री भरत लाल ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों से निपटने में संवेदनशीलता, तत्परता और जवाबदेही महत्वपूर्ण है।
एनएचआरसी और एसएचआरसी देश में मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक संस्थागत ढांचे का हिस्सा हैं।
एसएचआरसी अरुणाचल प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री बामांग तागो ने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य मानवाधिकार आयोग की क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
Posted On:
18 NOV 2024 8:47PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), अरुणाचल प्रदेश के राज्य मानवाधिकार आयोग के अधिकारियों के लिए मानवाधिकारों पर नई दिल्ली में तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह कार्यक्रम मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य मानवाधिकार आयोगों (एसएचआरसी) की क्षमता निर्माण में मदद करने के लिए आयोग की पहल का हिस्सा है। एनएचआरसी देश में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए एसएचआरसी और अन्य ऐसे निकायों के साथ मिलकर काम करता है।
अपने आरंभिक भाषण में, एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने इस बात पर जोर दिया कि संवेदनशीलता, तत्परता और जवाबदेही, मानवाधिकार मुद्दों और उल्लंघनों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण हैं। एनएचआरसी और एसएचआरसी देश में मानवाधिकारों के मुद्दे को बेहतर बनाने के लिए एक ढांचे का हिस्सा हैं। कार्यक्रम में आपसी विचारविमर्श भी किया जाएगा।
श्री लाल ने मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए शिकायतों के सक्रिय और त्वरित निवारण के महत्व को रेखांकित किया। इससे लोगों को व्यवस्था में विश्वास विकसित करने में मदद मिलेगी। तीन दिवसीय कार्यक्रम अधिकारियों को यह समझने में सक्षम बनाएगा कि व्यवस्था को कैसे काम करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के दायरे में एनएचआरसी की संरचित कार्यप्रणाली से परिचित होना एपीएसएचआरसी के अधिकारियों के लिए उपयोगी होगा।
इससे पहले, एपीएसएचआरसी के कार्यवाहक अध्यक्ष, श्री बामांग तागो ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनएचआरसी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एपीएसएचआरसी अपेक्षाकृत एक नया एसएचआरसी है, इसलिए यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम, विशेष रूप से एनएचआरसी के मामलों को संभालने, पंजीकरण और निपटान सीखने के मामले में पिछले तीन दशकों के अनुभव को देखते हुए एपीएसएचआरसी के अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है । उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशिक्षण न केवल एक संगठन के रूप में एसएचआरसी की मदद करेगा, बल्कि प्रत्येक प्रतिभागी को देश में मानवीय मूल्यों और अधिकारों की अपनी समझ को गहरा करने में भी मदद करेगा।
तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत में एनएचआरसी के संयुक्त सचिव श्री देवेंद्र कुमार निम ने कहा कि यह कार्यक्रम अधिकारियों को लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए सक्षम बनाएगा। एनएचआरसी के कामकाज से उनका परिचय जिसमें शिकायतों का पंजीकरण और प्रसंस्करण, पूछताछ, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अंतर्राष्ट्रीय तंत्र, आउटरीच गतिविधियाँ, मीडिया और संचार, प्रकाशन आदि शामिल हैं, उन्हें अपने काम को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से करने में मदद कर सकता है, ताकि देश में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए एक साझा दृष्टिकोण बनाया जा सके।
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एमजी/केसी/एनकेएस
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