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केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज बेंगलुरु में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की


बैठक का केंद्र बिन्दु कारोबारी प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करना और कृषि तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से संबद्ध गतिविधियों में व्यवसाय को बढ़ावा देना था

वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे पीएम मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना,आदि के तहत ऋण वितरण बढ़ाने का आग्रह किया

श्रीमती सीतारमण ने डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसी कृषि संबद्ध गतिविधियों पर विशेष ध्यान देते हुए कृषि ऋण वितरण को बढ़ाने पर बल दिया

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने वित्तीय समावेशन योजनाओं के तहत बैंकों से उपलब्धि हासिल करने पर अधिकतम जोर देने का आग्रह किया

क्लस्टर गतिविधियों के साथ संरेखित अनुकूल उत्पादों के साथ आरआरबी को, एमएसएमई ऋण के लिए रणनीति तैयार करनी चाहिए: केंद्रीय वित्त मंत्री

Posted On: 09 NOV 2024 5:53PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज बेंगलुरु में 5 राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को कवर करते हुए दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव श्री एम. नागराजू, आरबीआई के ईडी, आरआरबी और प्रायोजक बैंकों के अध्यक्ष, डीएफएस के अतिरिक्त सचिव, नाबार्ड और सिडबी के प्रतिनिधि तथा भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक में 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने भाग लिया और इसमें व्यवसायिक प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने तथा कृषि और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से जुड़ी गतिविधियों में व्यवसाय वृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से आग्रह किया कि वे अपने प्रायोजक बैंकों के सक्रिय सहयोग से भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे मुद्रा, पीएम विश्वकर्मा आदि के तहत ऋण वितरण को बढ़ाएँ।

श्रीमती सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्देश दिया, जिसमें डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि जैसी संबद्ध कृषि गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाय, तथा क्षेत्र में कृषि संबद्ध गतिविधियों की क्षमता का पूरा दोहन करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और प्रायोजक बैंकों को विशेष रूप से केरल में मत्स्य पालन और तेलंगाना में डेयरी को ऋण वितरण बढ़ाने के लिए संबंधित राज्य सरकार के विभागों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2022 में नियमित समीक्षा शुरू होने के बाद से आरआरबी के वित्तीय प्रदर्शन और प्रौद्योगिकी उन्नयन में उल्लेखनीय सुधार के लिए उनकी सराहना की। वित्त वर्ष 2024 में 17.6% का समेकित सीआरएआर और 3.94% की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (जीएनपीए) स्वस्थ स्तर पर हैं। दक्षिणी क्षेत्र के आरआरबी ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान 3,816 करोड़ रुपये का समेकित लाभ अर्जित किया है, जो सभी आरआरबी के संयुक्त शुद्ध समेकित लाभ का 50% से अधिक है।

समीक्षा में चालू खाता बचत खाता (सीएएसए) जमा को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया गया, जिससे दक्षिणी क्षेत्र में आरआरबी के सतत ऋण वृद्धि की गति में और तेजी लाने के लिए सीएएसए जमा को जुटाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने प्रधानमंत्री के वित्तीय समावेशन के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए बैंकों से भारत सरकार की वित्तीय समावेशन योजनाओं के अंतर्गत उपलब्धि हासिल करने पर अधिकतम जोर देने का आग्रह किया।

श्रीमती सीतारमण ने दक्षिणी क्षेत्र में वित्तीय समावेशन में आरआरबी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया और उनसे आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) आदि वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं के तहत संतृप्ति की दिशा में अपने प्रयास जारी रखें और संबंधित लक्ष्य प्राप्त करें। वित्त मंत्री ने प्रायोजक बैंकों को आरआरबी के साथ एफआई योजनाओं के लक्ष्यों पर फिर से काम करने का निर्देश दिया और बैंकों से पीएमजेडीवाई के तहत निष्क्रिय खातों को चालू करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने को कहा।

एमएसएमई की ऋण सहायता सुदृढ़ करने तथा डिजिटल अन्वेषणों के माध्यम से ग्राहक ऑनबोर्डिंग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर विशेष जोर दिया गया। वित्त मंत्री ने सिडबी तथा आरआरबी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सहयोग करने, सह-उधार/जोखिम साझाकरण मॉडल की खोज करने तथा एमएसएमई पोर्टफोलियो के लिए पुनर्वित्त करने का निर्देश दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सराहना की कि 10 आरआरबी ने ग्राहक-केंद्रित डिजिटल सेवाओं जैसे माइक्रो-एटीएम, कॉल सेंटर, नेट बैंकिंग, वीडियो केवाईसी, आरटीजीएस, आईएमपीएस आदि के विभिन्न प्रौद्योगिकी उन्नयन को पूरा कर लिया है। उन्होंने आरआरबी से अपने ग्राहकों के बीच इन सेवाओं को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि संबंधित प्रायोजक बैंकों की मदद से इनका उपयोग बढ़ाया जा सके।

श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि सभी आरआरबी को क्लस्टर गतिविधियों के साथ संरेखित अनुकूलित उत्पादों के साथ एमएसएमई ऋण के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में अभिसरण और जागरूकता के साथ विशेष आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आरआरबी को सिडबी के डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने और उससे एमएसएमई पुनर्वित्त प्राप्त करने की संभावना तलाशनी चाहिए।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने डीएफएस को निर्देश दिया कि वह आरआरबी के भर्ती नियमों पर गौर करें और इसमें संशोधन कर यह सुनिश्चित करें कि अभ्यर्थियों को स्थानीय भाषा का ज्ञान और दक्षता प्राप्त हो।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों से 'एक राज्य-एक आरआरबी' के सिद्धांत पर आरआरबी के एकीकरण के प्रस्ताव पर अपने विचार देने का भी आग्रह किया।

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एमजी/केसी/पीएस


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