जल शक्ति मंत्रालय
हरिद्वार में गंगा उत्सव 2024 का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री सी आर पाटिल ने गंगा संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला
राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने मां गंगा के संरक्षण और श्रद्धा को बढ़ावा देने में गंगा उत्सव की भूमिका को रेखांकित किया
गंगा नदी की राष्ट्रीय स्थिति का उत्सव मनाने और संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एनएमसीजी की ओर से गंगा उत्सव का आयोजन किया गया
Posted On:
04 NOV 2024 8:37PM by PIB Delhi
हरिद्वार के चंडी घाट पर आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल ने जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी और उत्तराखंड की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्य की उपस्थिति में गंगा उत्सव 2024 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती देबाश्री मुखर्जी भी उपस्थित थीं। गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा गंगा उत्सव 2024 का आयोजन किया गया। इस उत्सव का प्राथमिक उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर जोर देना और स्वच्छता के बारे में सार्वजनिक रूप से लोगों को जागरूकता करना है। आयोजन का यह आठवां संस्करण है। पहली बार नदी के किनारे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। गंगा बेसिन राज्यों के 139 जिलों में समारोह का आयोजन किया गया। इसके तहत प्रत्येक राज्य ने जिला गंगा समितियों द्वारा आयोजित एक मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी की।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल ने प्रधानमंत्री का संदेश साझा करते हुए कहा कि गंगा इस देश के 600 मिलियन लोगों के जीवन को लाभान्वित करती हैं और मां के रूप में पूजनीय हैं। यह बिना कुछ लिए निस्वार्थ भाव से सबको जल देती हैं। श्री पाटिल ने इस बात पर जोर दिया कि नदियों को मां के रूप में सम्मान देना हमारी संस्कृति में गहराई से निहित है। उन्होंने कहा कि नदी का संरक्षण एक महान पहल है, जिसे हम सभी को सुनिश्चित करना चाहिए। श्री पाटिल ने उस बात का उल्लेख किया जब प्रधानमंत्री बनने पर श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 'मां गंगा ने मुझे बुलाया है।' तब से लेकर अब तक प्रधानमंत्री ने मां गंगा के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने और जनसमर्थन जुटाने के लिए अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है।
केंद्रीय मंत्री श्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री की जल संचय, जनभागीदारी पहल को व्यापक जन समर्थन मिला है और लोग सक्रिय रूप से इसमें भाग ले रहे हैं। पानी के भंडारण के लिए राज्यों में वर्षा जल संचयन संरचनाओं (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर) का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मां गंगा के संरक्षण के लिए जन समर्थन (पब्लिक सपोर्ट) आवश्यक है, क्योंकि इसके लिए सभी के सामूहिक और समग्र प्रयास की आवश्यकता है।
श्री पाटिल ने गंगा संवाद नामक सत्र के तहत उत्सव में उपस्थित आध्यात्मिक लोगों और गुरुओं के साथ बातचीत और चर्चा की। सत्र में बोलते हुए श्री पाटिल ने नदी संरक्षण और पुनर्जीवन पर जोर दिया और मां गंगा को बचाने के लिए सभी से इस बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया। श्री पाटिल ने गंगा महिला राफ्टिंग अभियान को झंडी दिखाकर रवाना किया। 50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा सागर में समाप्त होगा, जो गंगा नदी के 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा। यह ऐतिहासिक अभियान गंगा बेसिन के पांच प्रमुख राज्यों के कई जिलों में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के साथ मेल खाएगा। इस अवसर पर उन्होंने बीएसएफ रिवर राफ्टिंग टीम को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गंगा उत्सव नदी संरक्षण को समर्पित एक अनूठा उत्सव है। इसमें गंगा के संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की गतिविधियों को संचालित करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नदियां सिर्फ जल का स्रोत नहीं हैं बल्कि पवित्र और अत्यंत महत्वपूर्ण भी हैं। विशेषकर मां गंगा हम सभी को एकजुट करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मां गंगा की स्वच्छता और संरक्षण सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री राज भूषण चौधरी ने कहा कि नमामि गंगे पहल के माध्यम से बिहार में 39 सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) के लिए 7,144 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से 17 एसटीपी पहले ही पूरे हो चुके हैं। गंगा की सहायक नदियों पर भी संरक्षण के प्रयास केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाली नदी मां गंगा के संरक्षण के लिए आवश्यक हैं और नदियों के संरक्षण के माध्यम से राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भी विडियो संदेश के माध्यम से मां गंगा के संरक्षण हेतु अपना संदेश दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने गंगा उत्सव 2024 के तहत नैशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) की बस को हरी झंडी दिखाई। गंगा नदी से संबंधित साहित्य के साथ एनबीटी बस 'गंगा पुस्तक परिक्रमा' का आयोजन करती है, जिसका विषय 'युगों तक गंगा: एक साहित्यिक जीवनी' है। गंगा नदी बेसिन के किनारे स्थित 5 राज्यों के प्रमुख 10 शहरों से होकर यह बस गुजरेगी।
इस वर्ष के आयोजन में रिवर सिटी एलायंस के तहत नदी किनारों की कई शहरों की भागीदारी देखी गई, एक संगठन जिसमें अब देश भर के नदी के किनारे वाले 145 शहर शामिल हैं। एलायंस का मुख्य उद्देश्य नदी-संवेदनशील शहरी योजना के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से स्वस्थ शहरी नदियों को बढ़ावा देना है। इस दृष्टिकोण का लक्ष्य प्रदूषण मुक्त, निरंतर बहने वाली नदियां हैं जिन्हें सभी महत्व देते हैं। इसके साथ ही जल-सुरक्षित शहरों में योगदान देना और समावेशी एवं टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देना ही इसका उद्देश्य है।
इस तरह का उत्सव हमारे समाज में नदियों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।
महोत्सव में नमामि गंगे पहल के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए स्थानीय विभागों के स्टॉल के साथ-साथ 'घाट पर हाट' बाजार का भी आयोजन किया गया। क्विज, फिल्म स्क्रीनिंग, जादू शो, कठपुतली शो और ड्रॉइंग और पेंटिंग प्रतियोगिताओं सहित बच्चों के लिए कई आकर्षक गतिविधियों ने नदी संरक्षण में उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया। इसके अतिरिक्त नुक्कड़ नाटक युवाओं के बीच नदी संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित थे। इस कार्यक्रम में नमामि गंगे पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें महत्वपूर्ण पहल के विविध पहलुओं को प्रदर्शित किया गया।
जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हरिद्वार में गंगा आरती में भी भाग लिया।
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