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भारत धर्म की पवित्र भूमि है; भगवान बुद्ध का महान गुरुओं, मनीषियों और पथप्रदर्शकों में अद्वितीय स्थान है: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु


राष्ट्रपति ने प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, बौद्ध धम्म एक जीवन पद्धति है जो जीवन के दर्शन का उपदेश देती है

Posted On: 05 NOV 2024 4:18PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।

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इस अवसर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत धर्म की पवित्र भूमि है। प्रत्येक युग में भारत में महान गुरु और रहस्यवादी, द्रष्टा और साधक हुए हैं, जिन्होंने मानवता को आंतरिक शांति और बाह्य सद्भाव खोजने का मार्ग दिखाया है। इन पथप्रदर्शकों में बुद्ध का अद्वितीय स्थान है। बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ गौतम का ज्ञान प्राप्त करना इतिहास में एक अद्वितीय घटना है। उन्होंने न केवल मानव मन की समृद्ध अंतर्दृष्टि प्राप्त की, बल्कि "बहुजन सुखाय बहुजन हिताय" - जन कल्याण के मार्ग को चुना।

शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "सही मायने में बौद्ध धम्म जीवन जीने का एक तरीका है। यह जीवन के मूल दर्शन का उपदेश देता है कि कैसे समाज और समुदाय के साथ करुणा, प्रेम और दया तथा समभाव के साथ शांति, खुशी और सद्भाव से जीवन जिया जाए। हम सभी चाहे बौद्ध हों या गैर बौद्ध, सभी जीवित प्राणियों के प्रति ईमानदारी, करुणा और सम्मान से बुद्ध के संदेश से प्रेरणा ले सकते हैं।"

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उन्होंने कहा, "आज हम इस बृहद विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में एकजुट हैं। बौद्ध धम्म की जन्मभूमि के रूप में भारत 'धम्म सेतु' को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह एशियाई देशों को जोड़ने वाला बौद्ध पुल है। बौद्ध विरासत स्थलों को संरक्षित और विकसित करता है। बौद्ध और पाली अध्ययन तथा अनुसंधान को बढ़ावा देता है। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान का समर्थन करता है और बौद्ध तीर्थयात्रा सर्किटों को सुविधाजनक बनाता है। एशियाई देशों के बौद्ध विद्वानों की उपस्थिति, बौद्ध धर्म की जीवंत परंपरा का प्रतीक है, जो मानवता को शांति, ज्ञान और करुणा की ओर ले जाती है।"

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इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंत्री महोदय ने कहा, "जब हम वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो बुद्ध के मध्यम मार्ग और चार आर्य सत्य शाश्वत समाधान प्रदान करते हैं। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य बौद्ध राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देना, बौद्ध दृष्टिकोण के माध्यम से समकालीन सामाजिक मुद्दों को संबोधित करना, बौद्ध देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना, बौद्ध पर्यटन और तीर्थयात्रा को बढ़ावा देना और प्राचीन बौद्ध पांडुलिपियों और कलाकृतियों को संरक्षित करना है।"

श्री शेखावत ने कहा, "पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन-2024 संवाद को बढ़ावा देकर, समकालीन चुनौतियों का समाधान करके और बौद्ध धम्म की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देकर एशिया भर में बौद्ध धम्म के विविध बिंदुओं को एक साथ लाने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सामूहिक चिंतन और कार्यों से शांतिपूर्ण दुनिया में योगदान करना है। आधुनिक युग में बौद्ध धम्म की भूमिका को मजबूत करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शिखर सम्मेलन इसकी स्थायी प्रासंगिकता सुनिश्चित करने की आकांक्षा रखता है।"

केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने भी सभा को संबोधित किया।

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एमजी/केसी/एचएन/एचबी 


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