आयुष
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय की कई परियोजनाओं का शुभारंभ और उद्घाटन किया
पीएम मोदी ने दिल्ली में भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। परियोजना की कुल लागत 274.58 करोड़ है
प्रधानमंत्री ने नागरिकों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान "देश का प्रकृति परीक्षण अभियान" शुरू किया
प्रधानमंत्री ने आयुष में 4 उत्कृष्टता केंद्रों का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 2 योग और प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों की आधारशिला रखी
आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद के ज्ञान के मिश्रण से देश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत देखी है: श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुर्वेद की वैश्विक प्रमुखता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है: श्री प्रतापराव जाधव, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
Posted On:
29 OCT 2024 8:31PM by PIB Delhi
धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में करीब 12,850 करोड़ रुपए की कई स्वास्थ्य क्षेत्र परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी.नड्डा, श्रम और रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, डॉ. मनोज नेसारी (सलाहकार, आयुष) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आयुष मंत्रालय के तहत शुरू की गई परियोजनाओं में प्रधानमंत्री ने भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। 258.73 करोड़ रुपए की कुल लागत वाला यह चरण, एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसमें 150 बिस्तरों वाला पंचकर्म अस्पताल, दवा निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप केंद्र, एक 500 सीटों वाला सभागार, और सामान्य और अंतर्राष्ट्रीय दोनों आगंतुकों के लिए अतिथि गृह जैसी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं।
इसके अलावा, भारतीय स्वास्थ्य और कल्याण समाधानों, खासकर योग में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती रुचि को एक अवसर के तौर पर प्रयोग करने और इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ खोरदा (ओडिशा) और रायपुर (छत्तीसगढ़) में योग और प्राकृतिक चिकित्सा में दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों (सीआरआईवाईएन) की आधारशिला रखी। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने चार आयुष उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) लॉन्च किए, जिनमें से प्रत्येक स्वास्थ्य अनुसंधान और नवाचार में विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित करता है। भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और मेटाबोलिक विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, प्रीडायबिटीज और मधुमेह अनुसंधान और आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन सत्यापन पर केंद्रित है। आईआईटी दिल्ली में सतत् आयुष उत्कृष्टता केंद्र, उन्नत तकनीकी समाधान विकसित करने, स्टार्ट-अप का समर्थन करने और रसौषधियों के लिए नेट-शून्य सतत् समाधान बनाने के लिए समर्पित है। सीडीआरआई लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और ट्रांसलेशनल अनुसंधान उत्कृष्टता केंद्र, अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक वनस्पति विज्ञान में उन्नत अनुसंधान पर केंद्रित है। नई दिल्ली के जेएनयू में आयुर्वेद और सिस्टम मेडिसिन पर उत्कृष्टता केंद्र का मकसद सिस्टम मेडिसिन का उपयोग करके रूमेटोइड गठिया के लिए आयुर्वेदिक उपचार के आणविक तंत्र पर शोध करना है।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने और दैनिक जीवन के हिस्से के रूप में समग्र कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान "देश का प्रकृति परीक्षण अभियान" की भी शुरूआत की। आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में, 470,000 समर्पित स्वयंसेवकों के साथ, इस अभियान का मकसद नागरिकों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता प्रयासों में क्रांति लाना है और यह कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हासिल करने का भी प्रयास करेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में देश ने आधुनिक चिकित्सा के आयुर्वेद के ज्ञान के मिश्रण के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत देखी है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान इस नए अध्याय का केंद्र बिंदु रहा है। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सात साल पहले, आयुर्वेद दिवस पर, उन्हें संस्थान के पहले चरण को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था और आज, भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से वह दूसरे चरण का उद्घाटन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 7.5 लाख पंजीकृत आयुष चिकित्सक पहले से ही देश की स्वास्थ्य सेवा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इस संख्या को और बढ़ाने की ज़रुरत पर बल दिया और भारत में चिकित्सा और वेलनेस पर्यटन की बढ़ती मांग पर ज़ोर दिया। उन्होंने युवाओं और आयुष चिकित्सकों को भारत और विदेश दोनों में निवारक कार्डियोलॉजी, आयुर्वेदिक आर्थोपेडिक्स और आयुर्वेदिक पुनर्वास केंद्रों जैसे क्षेत्रों के विस्तार के लिए तैयार होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आयुष चिकित्सकों के लिए कई अवसर पैदा हो रहे हैं।"
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च प्रभाव वाले वैज्ञानिक अध्ययनों के ज़रिए अश्वगंधा, हल्दी और काली मिर्च जैसी पारंपरिक जड़ी-बूटियों को मान्य करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अश्वगंधा की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए कहा कि, "हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के, प्रयोगशाला सत्यापन से न केवल इन जड़ी-बूटियों का मूल्य बढ़ेगा, बल्कि एक बड़ा बाजार भी तैयार होगा।" इस दशक के अंत तक अश्वगंधा की मांग 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
यह बताते हुए, कि आयुष की सफलता न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बदल रही है, प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष विनिर्माण क्षेत्र वर्ष 2014 में 3 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर आज करीब 24 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है, जो कि केवल 10 वर्षों में 8 गुना वृद्धि है।
इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा, “आयुर्वेद का सार 'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया' के सिद्धांत में निहित है। आयुष पर सर्वेक्षण से पता चलता है कि लगभग 95% ग्रामीण और 96% शहरी आबादी आयुष के बारे में जानती है। ये परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं और मुझे विश्वास है कि यह जागरूकता आगे और बढ़ेगी। प्रधानमंत्री जी, आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि आज 150 से अधिक देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।'' आयुष मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों ने स्वास्थ्य में आयुर्वेद की वैश्विक प्रमुखता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वर्ष 2014 के बाद से उनके शानदार नेतृत्व में आयुर्वेद ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री ने कहा कि “आयुर्वेद से जुड़े छात्रों, शिक्षकों और पेशेवरों के समर्थन से हम ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू कर रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से, आयुर्वेद के सिद्धांतों के आधार पर हम प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक आदर्श जीवन शैली तैयार कर सकते हैं और बीमारियों को आने से पहले ही रोकने के लिए खतरे का विश्लेषण कर सकते हैं। इस दिशा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र को फिर से परिभाषित कर सकता है।”
एआईआईए के दूसरे चरण का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए, एआईआईए की निदेशक प्रो. (डॉ.) तनुजा नेसारी ने कहा, “धन्वंतरि जयंती के इस शुभ दिन पर, यानि स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा के दिन, हम सबसे बड़े धन के रूप में स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद चाहते हैं। यही वजह है कि हम धन्वंतरि दिवस को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाते हैं - आयुर्वेद को भगवान धन्वंतरि के दिव्य आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करते हैं, जो स्वास्थ्य और खुशियां दोनों लाता है। आज अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित और 4.5 एकड़ में फैले हमारे संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस चरण में 275 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है” ।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), 9वें आयुर्वेद दिवस समारोह के लिए नोडल एजेंसी बन गई है। आयुष मंत्रालय के तहत, एआईआईए ने इस कार्यक्रम को मनाने के लिए मैराथन, सेल्फी पॉइंट, वेबिनार और स्वास्थ्य सहित कई पहलों का आयोजन किया।
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