रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) अहमदाबाद, हैदराबाद, गुवाहाटी और मोहाली में चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला रखी
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को महत्वपूर्ण बढ़ावा: प्रधानमंत्री ने गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा उपकरणों और थोक दवाओं के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया
इन विनिर्माण संयंत्रों का उद्घाटन उन्नत चिकित्सा एवं उच्च गुणवत्ता वाले स्टेंट के निर्माण तथा प्रत्यारोपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत के विकास को बढ़ावा देगा: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली के एम्स में देश के सबसे बड़े जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया
Posted On:
29 OCT 2024 6:21PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में फार्मा क्षेत्र सहित स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री जे पी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री, सुश्री अनुप्रिया पटेल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री और अन्य गणमान्य भी उपस्थित हुए।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के अहमदाबाद एनआईपीईआर में चिकित्सा उपकरणों के लिए, एनआईपीईआर हैदराबाद, तेलंगाना में थोक दवाओं के लिए, असम में एनआईपीईआर गुवाहाटी फ़ाइटो-फ़ार्मास्यूटिकल्स के लिए और पंजाब में एनआईपीईआर मोहाली में एंटी-बैक्टीरियल एंटी-वायरल दवा की खोज एवं विकास के लिए चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला रखी।
साथ ही, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों एवं थोक दवाओं के लिए उत्पादन आधारित (पीएलआई) योजना के अंतर्गत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये इकाइयां महत्वपूर्ण थोक दवाओं के साथ-साथ अंग प्रत्यारोपण और महत्वपूर्ण देखभाल उपकरण जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र की प्रगति सीधे अपने नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है, प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए सरकार की प्राथमिकता पर प्रकाश डाला एवं स्वास्थ्य नीति के पांच स्तंभों को रेखांकित किया। उन्होंने पांच स्तंभों के रूप में निवारक स्वास्थ्य देखभाल, बीमारियों का शीघ्र पता लगाने, मुफ्त एवं कम लागत वाला उपचार एवं दवाएं, छोटे शहरों में डॉक्टरों की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं में प्रौद्योगिकी का विस्तार को सूचीबद्ध किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विनिर्माण संयंत्रों का उद्घाटन उन्नत चिकित्सा एवं उच्च गुणवत्ता वाले स्टेंट के निर्माण और प्रत्यारोपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत के विकास को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में देश के सबसे बड़े जन औषधि केंद्र का उद्घाटन भी किया, इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए एम्स आने वाले रोगियों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है।
इस जन औषधि केंद्र की स्थापना भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (पीएमबीआई) द्वारा की गई है, जो पीएमबीजेपी की कार्यान्वयन एजेंसी है। यह औषधि केंद्र 1,724 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका लक्ष्य 2,047 तक ज्यादा गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं और 300 सर्जिकल उपकरण कम कीमतों में उपलब्ध कराना है जिसकी कीमत उनके ब्रांडेड समकक्षों की तुलना में बहुत कम होगी। जन औषधि दवाएं मूल्य ब्रांडेड दवाओं के बाजार मूल्य से कम से कम 50% और कुछ मामलों में 80% से 90% तक सस्ती होती हैं।
इलाज की लागत में कमी लाने की सरकार की प्राथमिकता को दोहराते हुए, चाहे वह गरीब हो या मध्यम वर्ग, प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 14,000 से ज्यादा पीएम जन औषधि केंद्रों के शुभारंभ का उल्लेख किया, जहां दवाएं 80 प्रतिशत छूट के साथ उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं की उपलब्धता के कारण गरीब और मध्यम वर्ग ने 30,000 करोड़ रुपये बचाया है।
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