कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

आईआईटी कानपुर के सहयोग से सार्वजनिक नीति और सुशासन पर दूसरा वेबिनार


आईआईटी कानपुर के दो प्रतिष्ठित प्रोफेसरों ने सार्वजनिक नीति में चुनौतियों और नेटवर्किंग में डिजिटलीकरण के दायरे पर व्याख्यान दिया

Posted On: 26 OCT 2024 11:24AM by PIB Delhi

एनसीजीजी ने 24 अक्टूबर, 2024 को आईआईटी कानपुर के सहयोग से सार्वजनिक नीति और सुशासन पर वेबिनार श्रृंखला के दूसरे वेबिनार आयोजित किया। वेबिनार की अध्यक्षता प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास ने की।

वेबिनार के लिए दो प्रतिष्ठित वक्ता थे। वेबिनार के पहले वक्ता पूर्व रक्षा सचिव और आईआईटी कानपुर में विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार और दूसरे वक्ता आईआईटी कानपुर के आर्थिक विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. विमल कुमार थे।

डॉ. अजय कुमार ने सार्वजनिक नीति में चुनौतियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने नीति निर्माण में सरकार की भूमिका और समय के साथ नीति निर्माण में सरकार ने किस तरह दृष्टिकोण बदला है इसके बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक नीतियों में बदलावों को चरणों में कैलिब्रेट किया जाना चाहिए। उन्होंने भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण पर नई नीतियां बनाते समय आने वाली चुनौतियों को कम करने में डिजिटलीकरण के प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने निर्णय लेने में डेटा के उपयोग पर भी बात की। उन्होंने नीति निर्माण के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से बताया और नीति निर्माण की प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों को शामिल किये जाने पर बल दिया। सार्वजनिक नीति में चुनौतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने प्रगतिशील नीतियों को प्रोत्साहित करने जैसे समाधान भी सुझाए।

वेबिनार के दूसरे वक्ता आईआईटी कानपुर के आर्थिक विज्ञान विभाग के प्रमुख  प्रोफ़ेसर विमल कुमार थे। उन्होंने प्लेटफॉर्म बिजनेस मॉडल और डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनके विनियमन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान की शुरुआत भारत में व्यवसाय के इतिहास पर चर्चा के साथ की , जिसमें कारीगरों द्वारा एकल उत्पाद बनाने से लेकर बड़े पैमाने पर उत्पादन तक शामिल है। उनके व्याख्यान ने किसी भी सफल व्यवसाय मॉडल के लिए नेटवर्क और प्लेटफ़ॉर्म निर्माण के महत्व को भी बताया। उन्होंने भुगतान नेटवर्क, सोशल मीडिया, पारंपरिक मीडिया जैसे समाचार पत्र, -कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट, ऐप्पल के ऐप स्टोर और अन्य सहित विभिन्न व्यावसायिक प्लेटफ़ॉर्म के विविध उपयोग पर बल दिया। उन्होंने समूह और क्रॉस-ग्रुप के भीतर एक प्लेटफ़ॉर्म पर नेटवर्क के बारे में भी बायता। इसमें उन्होंने आकर्षण लूप और आकर्षण स्पिल ओवर को समझाया। उन्होंने केस स्टडी के रूप में बीएमडब्ल्यू और उबर के बीच तुलना करके डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के महत्व के साथ व्याख्यान का समापन किया।

एनसीजीजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशी रस्तोगी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ वेबिनार का समापन हुआ। डॉ. रस्तोगी ने राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने वेबिनार की अध्यक्षता करने के लिए डीएआरपीजी के सचिव और एनसीजीजी के महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास को भी धन्यवाद दिया।

***

एमजी/आरपीएम/केसी/एसके


(Release ID: 2068410) Visitor Counter : 172


Read this release in: English , Urdu , Tamil