उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
उपभोक्ता मामले विभाग ने अमानक हेलमेट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया
यह पहल बाजार से असुरक्षित हेलमेट हटाने और उपभोक्ताओं को भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणित उत्पादों के बारे में शिक्षित करने के लिए है: सचिव
उपभोक्ता मामले विभाग ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने के लिए डीसी, डीएम को पत्र लिखा
Posted On:
26 OCT 2024 10:47AM by PIB Delhi
उपभोक्ता मामले विभाग ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को अमानक हेलमेट से बचाने के लिए जिला कलेक्टरों (डीसी) और जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने के लिए लिखा है। इस अभियान में दोपहिया सवारों को अमानक हेलमेट बेचने वाले निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान बाजार में उपलब्ध हेलमेट की गुणवत्ता और सड़क पर जीवन की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर बढ़ती चिंताओं के कारण से प्रारंभ किया गया है।
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि हेलमेट अत्यंत महत्वपूर्ण उत्पाद है और अमानक/गैर-आईएसआई हेलमेट का निर्माण जीवन की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। आज तक 162 लाइसेंस रद्द/समाप्त हो चुके हैं। इसके अलावा, 4151:2015 के संबंध में बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग/क्यूसीओ के उल्लंघन पर अब तक कुल 27 तलाशी और जब्ती की गई है और विभिन्न अदालतों में मामले दर्ज किए गए हैं।
इस मामले पर नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव सुश्री निधि खरे ने कहा, "हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों। यह अभियान बाजार से असुरक्षित हेलमेट को हटाने और उपभोक्ताओं को बीआईएस-प्रमाणित उत्पादों के महत्व के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण है। हम सभी हितधारकों से हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करते हैं।"
यह पता चला है कि सड़क पर अमानक हेलमेट जिनके पास भारतीय मानक ब्यूरो का अपेक्षित प्रमाणन नहीं है, उनको बेचा जा रहा है। यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है और सड़क दुर्घटनाओं में कई मौतों का कारण बनता है। इसलिए, इस मुद्दे से निपटने की तत्काल आवश्यकता है। सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो से प्राप्त लाइसेंस के बिना काम करने वाले या नकली आईएसआई मार्क का उपयोग करने वाले निर्माताओं के साथ-साथ इन अमानक उत्पादों को अनजान उपभोक्ताओं को बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया है। उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से या भारतीय मानक ब्यूरो की वेबसाइट पर जाकर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि हेलमेट निर्माता बीआईएस द्वारा लाइसेंस प्राप्त है या नहीं।
यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने पहले ही मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए दोपहिया वाहन सवारों के लिए हेलमेट एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। हालांकि, हेलमेट की प्रभावशीलता इसकी गुणवत्ता पर बहुत अधिक निर्भर करती है। अमानक हेलमेट निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते हैं और आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहते हैं, जिससे उन्हें पहनने का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है।
विभाग जिला अधिकारियों से इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लागू करना सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का आग्रह करता है। इस अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे मौजूदा सड़क सुरक्षा अभियानों के साथ जोड़ा जाएगा। जिला अधिकारियों को इन उल्लंघनों की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक और बीआईएस फील्ड अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह पहल उपभोक्ता संरक्षण और सड़क सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विभाग का उद्देश्य बाजार से अमानक हेलमेट को हटाकर टालने योग्य सड़क दुर्घटना की मौतों को रोकना और उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देना है। विभाग के शाखा कार्यालयों को इस अभियान में सहयोग करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभागों के साथ लगातार जुड़ने का निर्देश दिया गया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जून, 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया है, जिसमें अनिवार्य किया गया है कि सभी हेलमेट बीआईएस मानक आईएस 4151: 2015 का अनुपालन करें। इस प्रमाणन के बिना निर्मित या बेचा जाने वाला कोई भी हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 का उल्लंघन है। यह देखा गया है कि सड़क किनारे बेचे जाने वाले कई हेलमेट में अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन नहीं होता है जिससे उपभोक्ताओं को काफी जोखिम होता है।
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एमजी/आरपीएम/केसी/पीपी/एनके
(Release ID: 2068391)
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