नागरिक उड्डयन मंत्रालय
श्री राम मोहन नायडू ने यूडीएएन के 08 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य पर उत्सव में भाग लिया
Posted On:
21 OCT 2024 6:38PM by PIB Delhi
नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू ने आज एमओसीए सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ #UDAN - उड़े देश का आम नागरिक, के 8 सफल वर्षों का समारोह मनाने वाले एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस योजना ने दूरस्थ और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने में मील के महत्वपूर्ण पत्थर हासिल किए हैं।
मंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि यूडीएएन ने भारत के दूरदराज के हिस्सों को वैश्विक गंतव्यों से जोड़ने वाली हवाई यात्रा में क्रांति लाई है। इस योजना के अंतर्गत, 601 रूट और 86 हवाई अड्डे कार्यान्वित हैं और अब तक 14400000 यात्री इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली को जोड़ने वाली पहली आरसीएस-यूडीएएन उड़ान का उद्घाटन किया था। यह योजना देश के अल्पसेवित क्षेत्रों के असेवित हवाई मार्गों को सुधारने और आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने पर केंद्रित है।
अब तक, आरसीएस-यूडीएएन ने 144 लाख से अधिक यात्रियों की यात्रा को सुविधा दी है, जो हवाई यात्रा की पहुंच को बढ़ाने में अपनी सफलता को दर्शाता है।
आरसीएस-यूडीएएन नागरिक उड्डयन इंडस्ट्री के विकास में सहयोग कर रहा है जिससे पिछले सात वर्षों में कई नई और सफल एयरलाइन कंपनियां सामने आई हैं। इस योजना ने एयरलाइन ऑपरेटरों को एक संपोषित व्यवसाय मॉडल शुरू करने और विकसित करने में मदद की है। इसके साथ ही, यह छोटी क्षेत्रीय एयरलाइनों फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के अवसर दे रहा है और उनका सफल संचालन इस तथ्य का प्रमाण है कि यह योजना एयरलाइन व्यवसाय के लिए एक अनुकूल इकोसिस्टम का निर्माण कर रही है।
योजना के क्रमिक विस्तार ने नए विमानों की बढ़ती मांग को जन्म दिया है, साथ ही लगाए गए विमानों के स्पेक्ट्रम को भी विस्तार दिया है। इस विस्तार में विमानों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जिसमें हेलीकॉप्टर, समुद्री विमान, 3-सीट प्रोपेलर विमान और जेट विमान शामिल हैं। वर्तमान में, एक विविध बेड़ा है, जिसमें एयरबस 320/321, बोइंग 737, एटीआर 42 और 72, डीएचसी क्यू400, ट्विन ऑटर, एंब्रेयर 145 और 175, टेकनाम पी2006टी, केसना 208बी ग्रैंड कारावां ईएक्स, डोर्नियर 228, एयरबस एच130 और बेल 407, आरसीएस रूट्स पर सक्रिय रूप से सेवा दे रहे हैं। विमानों की बढ़ी मांग भारतीय वाहकों के ऑर्डर से प्रमाणित होती है, जो अगले 10-15 वर्षों में डिलीवरी के लिए 1,000 से भी ज्यादा हैं, जो भारत के मौजूदा बेड़े में एक भारी बढ़ोतरी का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वर्तमान में विभिन्न एयरलाइनों द्वारा संचालित लगभग 800 विमान शामिल हैं।
आरसीएस-यूडीएएन पूरी तरह से टियर-2 और टियर-3 शहरों में केवल अंतिम-छोर तक कनेक्टिविटी देने के लिए समर्पित नहीं है; बल्कि यह बढ़ते पर्यटन क्षेत्र में भी एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। यूडीएएन 3.0 ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई गंतव्यों को जोड़ने वाले पर्यटन मार्गों की शुरुआत की, जबकि यूडीएएन 5.1 पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतु हेलीकॉप्टर सेवाओं के विस्तार के लिए समर्पित है।
इस पहल ने खजुराहो, देवघर, अमृतसर और किशनगढ़ (अजमेर) जैसी जगहों को सफलतापूर्वक जोड़ा है, जिनकी धार्मिक पर्यटन में पर्याप्त प्रासंगिकता है। पासीघाट, जीरो, होलोंगी और तेजू हवाई अड्डों को जोड़े जाने के कारण पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के पर्यटन उद्योग में काफी उछाल आ रहा है, जिससे पहुंच बढ़ रही है। इस योजना ने मील का पत्थर हासिल करते हुए भारत के विमान मार्ग में अगत्ती द्वीप को भी जोड़ दिया है , जिससे लक्षद्वीप में पर्यटन को और बढ़ावा मिला है।
मुंद्रा (गुजरात) से लेकर अरुणाचल प्रदेश में तेजू और हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से लेकर तमिलनाडु में सेलम तक, आरसीएस-यूडीएएन ने देश भर में 34 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा है। यूडीएएन के अंतर्गत कुल 86 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में दो हेलीपोर्ट के साथ दस हवाई अड्डे चालू किए गए हैं। दरभंगा, प्रयागराज, हुबली, बेलगाम, कन्नूर इत्यादि जैसे कई हवाई अड्डे, जो यूडीएएन के अंतर्गत संचालित किए गए थे, इनसे संचालित होने वाली कई गैर-आरसीएस वाणिज्यिक उड़ानों के साथ जल्द ही ये संपोषित हो जाएंगे या हो सकते हैं।
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