ग्रामीण विकास मंत्रालय
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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भारत में "शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनः सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग" विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का 21 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में शुभारंभ करेंगे

Posted On: 20 OCT 2024 11:26AM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भारत में "शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनः सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग" विषय पर दो दिवसीय   अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का 21 अक्टूबर 2024 को डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी), नई दिल्ली में शुभारंभ करेंगे। भूमि संसाधन विभाग दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।

भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार दिनांक 01.04.2016 से 100% वित्त पोषण के साथ डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) नामक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत देश के सभी 28 राज्यों और 8 संघ राज्य क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण में अग्रणी प्रयास कर रहा है।

यह विभाग ग्रामीण भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण के क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव के साथ, अब शहरी भूमि अभिलेखों के सृजन और इन्हे सुव्यवस्थित बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।

भारत में शहरी भूमि अभिलेखों को विखंडन, पुरातन सूचना और कई एजेंसियों द्वारा भूमि अभिलेखों के रखरखाव के कारण भूमि प्रबंधन एवं प्रशासन के क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनके कारण प्रभावी शहरी नियोजन, भूमि प्रबंधन और सेवा प्रदायगी बाधित होती है। शहरी भूमि अभिलेखों के संबंध में यह पहल, जो डिजिटलीकरण और जीआईएस मैपिंग द्वारा शहरी भूमि अभिलेखों का सृजन/में सुधार करके संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए आईटी आधारित प्रणाली स्थापित करने से संबंधित बजट घोषणा 2024-25 पर आधारित है, जिससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार होगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन के लिए आईटी आधारित प्रणाली सतत विकास में सहायता करेगी और पारदर्शिता एवं दक्षता को बढ़ाकर भूमि संबंधी विवादों को भी कम करेगी। भूमि संसाधन विभाग, एक पहल के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में हुई प्रगति के आधार पर शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण के लिए उन्नत तकनीकी समाधानों का पता लगा रहा है।

इस कार्यशाला का उद्देश्य भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों, सभी 36 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के राजस्व एवं शहरी विकास सचिवों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और तकनीकी प्रदाताओं सहित संबंधित हितधारकों को एक मंच पर लाना है। इसमें शहरी भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण के क्षेत्र में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन किया जाएगा, वर्तमान तकनीकी समाधानों को प्रस्तुत किया जाएगा और चयनित शहरी क्षेत्रों के लिए प्रायोगिक परियोजना नियोजन हेतु सहायता प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, इस कार्यशाला में कार्रवाई योग्य नीति सिफारिशों को तैयार करने के लिए सरकारी अधिकारियों, विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए, मानकीकरण, डेटा सुरक्षा और हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण की कमी जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाएगा। ड्रोन्स एयरक्राफ्ट, जीआईएस और एमआईएस सॉफ्टवेयर के प्रदर्शन के लिए हितधारक उद्योग साझेदारों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

दिनांक 21 अक्तूबर, 2024 को कार्यशाला में सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूके, स्पेन, नीदरलैंड, यूएई, फ्रांस, यूएसए, जापान और जर्मनी जैसे देशों के विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल भूमि अभिलेख में सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रस्तुतीकरण (प्रेजेंटेशन) दी जाएगी। प्रमुख भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फर्मों द्वारा तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा।

दिनांक 22 अक्तूबर, 2024 को कार्यसूची में केस स्टडीज़ को समर्पित दो सत्र शामिल हैं।  पहले सत्र के विचार-विमर्श में मुख्य बल सुरक्षित भूमि अभिलेखों के क्षेत्र में उन्नत और उभरती हुई तकनीकों के साथ डिजिटल भूमि प्रबंधन, सर्वेक्षण में इस्तेमाल होने वाली कार्यपद्धतियों, तकनीकों और भूमि अभिलेखों के डिजिटीकरण पर होगा। दूसरा सत्र संपत्ति कराधान और शहरी नियोजन के लिए भू-स्थानिक डाटा के प्रभावी उपयोग पर केन्द्रित होगा।  इस सत्र में भूमि प्रबंधन प्रथाओं में सटीकता, परदर्शिता और प्रभावकारिता के लिए एरियल फोटोग्राफी, जीआईएस, सेटेलाइट इमेजरी और आधुनिक डिजिटल उपकरणों को शामिल करने, जीआईएस आधारित संपत्ति कर प्रबंधन और स्कीमों तथा विभागों जैसे “अमृत”, “स्वामित्व”, रायपुर मेपिंग, गुवाहाटी प्रॉपर्टी टेक्सेशन, जयपुर मेपिंग, हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र तथा रक्षा सम्पदा निदेशालय के अध्ययनों के साथ शहरी नियोजन और संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए उन्नत सर्वेक्षण तकनीकों और स्थानिक डाटा के ईष्टतम उपयोग पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

उक्त कार्यशाला का समापन डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी, ग्रामीण विकास और संचार राज्यमंत्री द्वारा आगे की कार्यनीति के बारे में समापन संबोधन से होगा।

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सु. सि.



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