सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में 21वें दिव्य कला मेला का उद्घाटन किया
यह कार्यक्रम - प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण पर आधारित - दिव्यांग उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल है
मेले के पिछले 20 आयोजनों से 15 करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त आय हुई है और अब तक भाग लेने वाले दिव्यांगजनों को 12 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं
Posted On:
19 OCT 2024 8:47PM by PIB Delhi
दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए समर्पित 21वां दिव्य कला मेला 17 से 27 अक्टूबर, 2024 तक मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित किया जा रहा है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने आज मेले का आधिकारिक उद्घाटन मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री नारायण दास कुशवाह तथा जबलपुर के विधायक श्री अशोक रोहाणी की उपस्थिति में किया।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजीव शर्मा, राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) के प्रबंध निदेशक श्री नवीन शाह और जबलपुर के जिला कलेक्टर श्री दीपक कुमार सक्सेना ने भी इस आयोजन में भाग लिया।
यह भव्य आयोजन समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है, क्योंकि यह दिव्यांग उद्यमियों को अपने उत्पादों, प्रतिभाओं एवं कौशलों को प्रदर्शित करने के लिए एक असाधारण मंच प्रदान करता है। लगभग 100 स्टालों के साथ, मेले का आयोजन आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने, व्यावसायिक उपक्रमों को प्रोत्साहित करने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण के अनुरूप दिव्यांगजनों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक किया गया है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्ष 2022 में इसकी स्थापना के बाद से दिव्य कला मेला की जबरदस्त सफलता के बारे में बताया, जिसमें देश भर में 20 से अधिक मेले आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि इस मेले में भाग लेने वाले दिव्यांगजनों के लिए 15 करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त आय हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए 25 अक्टूबर, 2024 को एक विशेष रोजगार मेले के आयोजन की भी घोषणा की गई है, जो रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगा।
इस बात की जानकारी भी दी गई कि इस आयोजन का विशेष आकर्षण मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, यूनियन बैंक और आईडीबीआई बैंक द्वारा दिव्यांग उद्यमियों को 1.21 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण है, जो उनके व्यवसायों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। दिव्य कला मेला पहल के तहत आज तक 12 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे दिव्यांगजनों के बीच व्यापार विस्तार को बढ़ावा मिला है और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, श्रवण यंत्र, मोटर एवं लिफ्ट जैसे आवश्यक सहायक उपकरणों के वितरण ने दिव्यांग समुदाय को और अधिक सशक्त बनाया है।
श्री नारायण दास कुशवाहा ने अपने मुख्य भाषण में दिव्य कला मेले की सराहना करते हुए इसे भारत सरकार की एक परिवर्तनकारी पहल बताया, जिसने दिव्यांगजन कारीगरों व उद्यमियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण, मान्यता और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह मंच न केवल आर्थिक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है, बल्कि पूरे भारत में दिव्यांगजनों के लिए जागरूकता और कौशल मान्यता का भी प्रतीक है।
उत्सव की भावना को आगे बढ़ाते हुए मेले के साथ-साथ 'दिव्य कला शक्ति' नामक एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरे भारत के दिव्यांग कलाकारों की प्रतिभा प्रदर्शित की जाएगी। 15 शहरों में पहले ही आयोजित हो चुके प्रदर्शनों के साथ ही 'दिव्य कला शक्ति' दिव्यांगजनों की रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक राष्ट्रीय मंच बन गया है, जो उनकी प्रतिभा को सामने ला रहा है।
दिव्यांगजनों के लिए राज्य आयुक्त श्री संदीप रजक ने अपने संबोधन में, सरकार से जबलपुर में भी विश्व कला मेला आयोजित करने का आग्रह किया, जिसमें दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के साझा लक्ष्य से एकजुट होकर सार्वजनिक क्षेत्र, निजी कंपनियों तथा गैर सरकारी संगठनों के बीच एक भव्य सहयोग की परिकल्पना की गई है।
एनडीएफडीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री नवीन शाह ने भी जबलपुर के नागरिकों को हार्दिक निमंत्रण देते हुए उन्हें मेले में आने, प्रतिभाशाली दिव्यांग कारीगरों का सहयोग करने, स्वादिष्ट स्थानीय भोजन का स्वाद चखने और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मेला निःशुल्क है और जनता के लिए खुला है, इसलिए इसे हर किसी को अवश्य देखना चाहिए।
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