कोयला मंत्रालय
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एसईसीएल की प्रमुख हरित पहल: "एक पेड़ माँ के नाम" के तहत 1.46 लाख से अधिक पौधे रोपे गए


"स्वच्छता ही सेवा" अभियान के साथ पौधारोपण अभियान को गति मिली

Posted On: 07 OCT 2024 11:57AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी अभियान "एक पेड़ माँ के नाम" को सार्थक करते हुए छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपने परिचालन क्षेत्रों में 1,46,675 पौधे लगाए। यह पहल, जुलाई 2024 में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा शुरू राष्ट्रव्यापी पौधारोपण अभियान का हिस्सा थी और इसमें देश भर के सभी कोयला सार्वजनिक उपक्रम शामिल रहे।

A field of grass with small squaresDescription automatically generated with medium confidence

एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ के 8 जिलों और मध्य प्रदेश के 3 जिलों में 56 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान चलाया। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने अपने खनन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले समुदायों को 25,000 पौधे वितरित किए, जिससे पर्यावरण संरक्षण को और बढ़ावा मिला।

"एक पेड़ माँ के नाम" के तहत किए जा रहे वृक्षारोपण प्रयासों को 2024 के "स्वच्छता ही सेवा" अभियान के हिस्से के रूप में आवश्यक स्वच्छता पहल के तौर पर बल दिया गया। एसईसीएल  ने पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वच्छता दोनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बल देते हुए अतिरिक्त 4,200 पौधे लगाए।

A group of people working in a fieldDescription automatically generated

एसईसीएल कुसमुंडा खदान दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कोयला खदान है और इस खदान ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 501 लाख टन (50 मिलियन टन) कोयला उत्पादन की उपलब्धि के उपलक्ष्य में एक ही दिन में 501 पौधे लगाकर एक अनूठी उपलब्धि हासिल की। यह पर्यावरण स्थायित्व को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने पर एसईसीएल के दोहरे फोकस को रेखांकित करता है।

भविष्य को ध्यान में रखते हुए, एसईसीएल की छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में व्यापक वृक्षारोपण अभियान पर अगले पांच वर्षों में 169 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। राज्य वन विकास निगम के साथ साझेदारी में, कंपनी का लक्ष्य 2023-24 और 2027-28 के बीच छत्तीसगढ़ में 26 लाख और मध्य प्रदेश में 12 लाख से अधिक पौधे लगाना है। इस पहल में पौधों की उचित वृद्धि और उनका विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण के दौरान लगाए गए पौधों के लिए चार साल की रखरखाव अवधि भी शामिल है।

एसईसीएल ने वनीकरण प्रयासों में और तेजी लाने के लिए अभिनव जापानी मियावाकी तकनीक शुरू की है। यह तकनीक तेजी से हरियाली को बढ़ावा देती है। गेवरा क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इस पद्धति का उपयोग करके एक पायलट परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अपनी स्थापना के बाद से अब तक पर्यावरणीय स्थिरता के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को साकार करते हुए एसईसीएल ने अपने परिचालन कोयला बेल्ट क्षेत्र में 3 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं।

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