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वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधार लेने की योजना

Posted On: 26 SEP 2024 5:59PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही (एच2) के लिए अपने उधार लेने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट में निर्धारित 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी में से, 6.61 लाख करोड़ रुपये (47.2 प्रतिशत) दिनांकित प्रतिभूतियों, जिसमें सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबी) के 20,000 करोड़ रुपये शामिल हैं, को जारी करके एच2 में उधार लेने की योजना है।

कुल 6.61 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 21 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से पूरी की जाएगी। बाजार उधारियों को 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 वर्ष की प्रतिभूतियों में बांटा जाएगा। विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधारी का हिस्सा (एसजीआरबी सहित) होगा: 3-वर्ष (5.3 प्रतिशत), 5-वर्ष (10.6 प्रतिशत), 7-वर्ष (7.6 प्रतिशत), 10-वर्ष (24.8 प्रतिशत), 15-वर्ष (13.2 प्रतिशत), 30-वर्ष (12.1 प्रतिशत), 40-वर्ष (15.9 प्रतिशत) और 50-वर्ष (10.6 प्रतिशत)।

सरकार मोचन प्रोफाइल को सुचारू बनाने के लिए प्रतिभूतियों की स्विचिंग/बायबैक करेगी।

सरकार नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूतियों के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सब्स्सिप्शन बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी।

वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (क्यू3) में ट्रेजरी बिल जारी करने के माध्यम से साप्ताहिक उधारी 13 सप्ताह के लिए 19,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें क्रमशः 91 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।

सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों का ध्यान रखने हेतु, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही के लिए वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा 50,000 करोड़ रुपये तय की है।

अधिक विवरण वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइटों पर उपलब्ध विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति में देखा जा सकता है।

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एमजी / आरपीएम / केसी / आर/डीके



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