विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ब्रिटिश काउंसिल के सहयोग से वीमेन इन स्पेस लीडरशिप कार्यक्रम का शुभारंभ किया

Posted On: 25 SEP 2024 1:29PM by PIB Delhi

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर ब्रिटेन-भारत शिक्षा एवं अनुसंधान पहल (यूकेआईईआरआई) के अंतर्गत 24 सितंबर, 2024 को अंतरिक्ष में महिला नेतृत्व कार्यक्रम (डब्ल्यूआईएसएलपी) का शुभारंभ किया।

यह पहल एक रणनीतिक नेतृत्व ढांचा विकसित करके अंतरिक्ष विज्ञान में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए लैंगिक-समावेशी व्यवस्थाओं को मजबूत करने में संस्थानों के समर्थन पर केंद्रित है। इस पहल में कोवेंट्री विश्वविद्यालय भागीदार है।

डीएसटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में महिलाओं के किरण प्रभाग की प्रमुख डॉ वंदना सिंह ने कहा, यह कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान में लैंगिक-समावेशी वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक मजबूत नेतृत्व ढांचे का निर्माण करके, हम महिलाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बना सकते हैं"

ब्रिटिश काउंसिल इंडिया के उप-निदेशक माइकल हॉलगेट ने वैश्विक चुनौतियों को समाधान करने में सहयोग के महत्व पर बल दिया और एसटीईएम के क्षेत्रों में महिलाओं के ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व का आह्वान किया।

ब्रिटेन के कोवेंट्री विश्वविद्यालय की डॉ एलेना गौरा ने उन महिलाओं की तलाश के महत्व पर बल दिया जो संस्कृति को केवल पुन: प्रस्तुत करने के बजाय इसे बदल सकते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य 250 प्रारंभिक करियर शोधकर्ताओं की नेतृत्व क्षमता का निर्माण करके उन्हें लैंगिक पूर्वाग्रहों से निपटने और एक स्थायी समर्थन नेटवर्क बनाने के लिए उपकरणों से लैस करना है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की निदेशक प्रोफेसर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने महिलाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के बढ़ते क्षेत्र में जल्दी जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जो इंजीनियरिंग और सामाजिक विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है।

शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं सहित कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने अंतरिक्ष विज्ञान में लैंगिक-समानता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक संदर्भों पर चर्चा की।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्थायी मार्गदर्शन नेटवर्क के निर्माण के माध्यम से खगोल भौतिकी और दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लैंगिक परिप्रेक्ष्य को एकीकृत करके वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा।

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एमजी/बीयू/एनजे



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