सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों पर प्रेस नोट


वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक सकल मूल्य संवर्धन में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र (8.4 प्रतिशत) ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत थी

Posted On: 30 AUG 2024 5:30PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) इस प्रेस नोट में वित्तीय वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान के साथ-साथ स्थिर (2011-12) और मौजूदा दोनों कीमतों पर जीडीपी के व्यय घटकों से संबंधित अनुमान जारी कर रहा है। स्थिर और मौजूदा कीमतों पर वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी के वर्ष दर वर्ष प्रतिशत परिवर्तन और व्यय घटकों के साथ आर्थिक गतिविधि के प्रकार के अनुसार बुनियादी कीमतों पर सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) के तिमाही अनुमान अनुलग्नक ए के विवरण 1 से 4 में दिए गए हैं।

मुख्य बातें:

  • वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में यह वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत थी।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीवीए में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीवीए के बढ़ने का कारण द्वितीयक क्षेत्र (8.4 प्रतिशत) में हुई उल्लेखनीय वृद्धि है, जिसमें निर्माण (10.5 प्रतिशत), बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं (10.4 प्रतिशत) और विनिर्माण (7.0 प्रतिशत) क्षेत्र शामिल हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में नॉमिनल जीवीए में वृद्धि दर का अनुमान 9.8 प्रतिशत लगाया गया है जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है।
  • स्थिर कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) और सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) में वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में क्रमशः 7.4 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में शुद्ध करों में, मौजूदा कीमतों पर, 8.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप जीवीए और जीडीपी की वृद्धि दरों के बीच 0.1 प्रतिशत अंक का अंतर आया है।

I. तिमाही अनुमान और वृद्धि दर

2024-25 की पहली तिमाही में स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 43.64 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 40.91 लाख करोड़ रुपये थी, जो 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाती है। 2024-25 की पहली तिमाही में मौजूदा कीमतों पर नॉमिनल जीडीपी या जीडीपी 77.31 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 70.50 लाख करोड़ रुपये थी, जो 9.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाती है।

2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीवीए 40.73 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 38.12 लाख करोड़ रुपये था, जो 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। 2024-25 की पहली तिमाही में नॉमिनल जीवीए 70.25 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 63.96 लाख करोड़ रुपये था, जो 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।

चित्र 1: स्थिर कीमतों पर वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही से वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही तक वर्ष दर वर्ष वृद्धि दर के साथ तिमाही जीडीपी और जीवीए अनुमान

 

चित्र 2: तिमाही जीवीए का क्षेत्रवार संघटन और वृद्धि दर

Sectoral Composition of Nominal GVA in Q1 of FY 2024-25

 

चित्र 3: व्यापक क्षेत्रों में तिमाही जीवीए का संघटन और वृद्धि दर

[प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, पशुधन, वानिकी एवं मत्स्य पालन तथा खनन एवं उत्खनन

द्वितीयक क्षेत्र: विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं एवं निर्माण

तृतीयक क्षेत्र: व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाएं, वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं तथा लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं]

II. कार्यप्रणाली और प्रमुख डेटा  स्रोत:

जीडीपी के तिमाही अनुमान संकेतक आधारित होते हैं और बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किए जाते हैं, यानी पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) की इसी तिमाही के लिए उपलब्ध अनुमान, क्षेत्रों के प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करने वाले प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके एक्सट्रापोलेट किए गए है। विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/निजी एजेंसियों से प्राप्त डेटा इन अनुमानों के संकलन में महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में कार्य करते हैं।

क्षेत्रवार अनुमान 2024-25 की पहली तिमाही के लिए उपलब्ध निम्न संकेतक/डेटा स्रोतों का उपयोग करके संकलित किए गए हैं: (i) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), (ii) 2024-25 की पहली तिमाही के लिए इन कंपनियों के उपलब्ध तिमाही वित्तीय परिणामों के आधार पर निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र में सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, (iii) 2024-25 के लिए फसल उत्पादन लक्ष्य, (iv) 2024-25 के लिए प्रमुख पशुधन उत्पादों के उत्पादन लक्ष्य; (v) मछली उत्पादन, (vi) सीमेंट और इस्पात का उत्पादन/खपत, (vii) रेलवे के लिए शुद्ध टन किलोमीटर और यात्री किलोमीटर, (viii) नागर विमानन द्वारा संचालित यात्री और कार्गो यातायात, (ix) प्रमुख और छोटे समुद्री बंदरगाहों पर संचालित कार्गो यातायात, (x) वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री, (xi) बैंक जमा और क्रेडिट, (xii) केंद्र और राज्य सरकारों के खाते, आदि। अनुमान में उपयोग किए गए मुख्य संकेतकों में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर (%) अनुलग्नक-बी में दी गई है।

जीडीपी संकलन के लिए उपयोग किए जाने वाले कुल कर राजस्व में गैर-जीएसटी राजस्व के साथ-साथ जीएसटी राजस्व भी शामिल है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की वेबसाइटों पर उपलब्ध नवीनतम जानकारी का उपयोग मौजूदा कीमतों पर उत्पादों पर करों का अनुमान लगाने के लिए किया गया है। स्थिर कीमतों पर उत्पादों पर करों के संकलन के लिए, कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा वृद्धि का उपयोग करके वॉल्यूम एक्सट्रापोलेशन किया जाता है और करों की कुल मात्रा प्राप्त करने के लिए समेकित किया जाता है। मौजूदा कीमतों पर कुल उत्पाद सब्सिडी को केंद्र के लिए प्रमुख सब्सिडी जैसे खाद्य, यूरिया, पेट्रोलियम और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी और वित्तीय वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए अधिकांश राज्यों द्वारा सब्सिडी पर किए गए व्यय की जानकारी का उपयोग करके संकलित किया गया। केंद्र और राज्यों के राजस्व व्यय, ब्याज भुगतान, सब्सिडी आदि के लिए सीजीए और सीएजी वेबसाइटों पर नवीनतम उपलब्ध डेटा का उपयोग सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।

बेहतर डेटा कवरेज और स्रोत एजेंसियों द्वारा किए गए इनपुट डेटा में संशोधन का इन अनुमानों के बाद के संशोधनों पर असर पड़ेगा। इसलिए, अनुमानों में रिलीज़ कैलेंडर के अनुसार,  उचित समय पर उपरोक्त कारणों से संशोधन किए जाने की संभावना है। उपयोगकर्ताओं को आंकड़ों की व्याख्या करते समय इन्हें ध्यान में रखना चाहिए। 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही (2024-25 की दूसरी तिमाही) के लिए तिमाही जीडीपी अनुमानों को 29.11.2024 जारी किया जाएगा।

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अनुलग्नक

अनुलग्नक बी

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