पर्यटन मंत्रालय
धार्मिक पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देना
स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत
Posted On:
08 AUG 2024 2:05PM by PIB Delhi
पर्यटन मंत्रालय ने देश भर में धार्मिक स्थलों सहित पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 2014-15 में 'प्रसाद' (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत विस्तार अभियान) और 'स्वदेश दर्शन' योजनाएं शुरू कीं। प्रसाद योजना का प्राथमिक उद्देश्य तीर्थयात्रा और विरासत स्थलों पर पर्यटन के बुनियादी ढांचे में सुधार करना और तीर्थयात्रियों और विरासत के प्रति उत्साही लोगों के लिए अधिक समृद्ध अनुभव सुनिश्चित करना है। 1,621.14 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत 46 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और योजना के तहत विकास के लिए 29 स्थानों की पहचान की गई है। इनमें प्रसाद के तहत बिहार में 'पटना साहिब का विकास', 'हरियाणा में गुरुद्वारा नाडा साहिब और माता मनसा देवी मंदिर का विकास', 'अमृतसर में करुणा सागर वाल्मीकि स्थल का विकास' और पंजाब के रोपड़ में 'चमकौर साहिब का विकास' शामिल है।
स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य थीम-आधारित पर्यटन सर्किट सहित देश में पर्यटन स्थलों का एकीकृत विकास करना है। इस योजना के तहत पर्यटन सर्किट के विकास के लिए 15 थीम की पहचान की गई। बौद्ध सर्किट, कृष्ण पर्यटन, रामायण पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, हेरिटेज सर्किट और तीर्थंकर सर्किट के तहत धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें आनंदपुर साहिब - फतेहगढ़ साहिब - चमकौर साहिब - फिरोजपुर - खटकर कलां - कलानौर - पटियाला शामिल हैं। मंत्रालय ने हाल ही में टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थल बनाने की दृष्टि से इस योजना का नाम बदलकर स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) कर दिया है और टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थल बनाने की दृष्टि से विकास कार्य करने के लिए देश में 57 स्थानों की पहचान की है। इनमें कपूरथला और अमृतसर शामिल हैं। साथ ही, स्वदेश दर्शन 2.0 के उप-कार्यक्रम "चुनौती आधारित गंतव्य विकास" कार्यक्रम के तहत कुल 42 स्थानों की पहचान की गई है। अपेक्षित विवरण संलग्न हैं।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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