मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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पारंपरिक मछुआरों को वित्तीय सहायता

Posted On: 07 AUG 2024 4:27PM by PIB Bhopal

भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने वर्ष 2015-2020 के दौरान लागू पूर्ववर्ती केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) "नीली क्रांति: मत्स्य पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन" के अंतर्गत तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पारंपरिक मछुआरों के लिए कुल 918 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के अधिग्रहण के लिए 734.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को कुल परियोजना लागत के साथ स्वीकृति दे दी थी। इसके बाद, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने 20050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और दायित्वपूर्ण विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की परिकलपना से मत्स्य पालन क्षेत्र में 5 वर्ष (2020-2025) की अवधि के लिए "प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई)" नामक प्रमुख योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) अन्य बातों के साथ-साथ पारंपरिक मछुआरों द्वारा 1.20 करोड़ रुपये की इकाई लागत पर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाजों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। साथ ही 15 लाख रुपये की इकाई लागत के साथ निर्यात क्षमता के लिए मौजूदा मछली पकड़ने के जहाज के उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत सब्सिडी और अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी)/महिला लाभार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने पारंपरिक मछुआरों द्वारा 349 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के अधिग्रहण और निर्यात क्षमता के लिए 903 मौजूदा मछली पकड़ने वाले जहाजों के उन्नयन के लिए पिछले तीन वर्षों (2021-22 से 2023-24) के दौरान 554.25 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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