पंचायती राज मंत्रालय
पंचायतों में एकीकृत भुगतान इंटरफेस सक्षम
Posted On:
07 AUG 2024 4:51PM by PIB Delhi
आज तक और मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार 1,73, 060 पंचायतें एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) में सक्षम हो चुकी हैं और डिजिटल रूप से भुगतान एकत्र करने में सक्षम हैं।
यूपीआई प्लेटफ़ॉर्म नागरिकों को अपने प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाय) खातों को अपनी यूपीआई आईडी से जोड़ने का एक सुगम और सुलभ तरीका भी प्रदान करता है, जिससे निर्बाध लेनदेन और वित्तीय समावेशन संभव होता है। यूपीआई के उपयोग को बढ़ावा देकर नागरिक आसानी से अपने खातों तक पहुंच सकते हैं, लेनदेन कर सकते हैं और पीएमजेडीवाय योजना में प्रदत्त रूपे बीमा कवरेज जैसी सुविधाओं से लाभान्वित हो सकते हैं। ये सुव्यवस्थित दृष्टिकोण ग्रामीण नागरिकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं और बीमा लाभों से लाभान्वित होने को प्रोत्साहित करता है। इससे अंततः ग्रामीण आबादी के बीच वित्तीय सशक्तिकरण और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
ग्रामीण नागरिक अब संपत्ति कर, जल कर, स्ट्रीट लाइट कर, व्यापार लाइसेंस शुल्क, भवन अनुमति शुल्क, लेआउट स्वीकृति शुल्क आदि कर और गैर-कर भुगतान डिजिटल रूप से कर सकते हैं। इससे पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय क्षमता और लोकल गवर्नेंस सुदृढ़ होंगे।
पंचायती राज मंत्रालय केंद्रीय वित्त आयोग अनुदान और संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के जरिए राज्यों के प्रयासों में भी सहयोग करता है। आरजीएसए योजना पीआरआई के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (सीबीएंडटी) के लिए राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
पंचायत "स्थानीय सरकार" होने के नाते राज्य के अधीन विषय है और भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची का हिस्सा है। भारत के संविधान के भाग 9 में अनुच्छेद 243 द्वारा पंचायतों के तीन स्तरों की स्थापना की बात की गई है। यूपीआई भुगतान सहित योजनाएं, कार्यक्रम और नई पहलें राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती हैं।
ये जानकारी केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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