गृह मंत्रालय
सरकार मानव तस्करी के अपराध की रोकथाम और उसका मुकाबला करने को अत्यधिक महत्व देती है
प्रविष्टि तिथि:
06 AUG 2024 4:35PM by PIB Bhopal
भारत सरकार मानव तस्करी, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की, के अपराध की रोकथाम और उसका मुकाबला करने को अत्यधिक महत्व देती है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 143 में मानव तस्करी के किसी भी अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। बीएनएस की धारा 144(1) में तस्करी किए गए बच्चों के यौन शोषण के अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। ऐसे अपराधों के लिए सजा पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में अन्य बातों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। विशेष रूप से, बीएनएस की धारा 95 से 99 बच्चों के खिलाफ अपराधों का वर्णन करती है और अपराधियों को कठोर दंड का प्रावधान करती है। इन धाराओं में किसी बच्चे को अपराध करने के लिए काम पर रखने, या अवैध रूप से धन प्राप्ति के लिए रखने, वेश्यावृत्ति के लिए बच्चे को बेचने/खरीदने आदि के अपराध से निपटने के प्रावधान हैं। इन अपराधों के लिए सजा तीन साल से लेकर चौदह साल तक है।
इसके अलावा, बीएनएस की धारा 139 में भीख मांगने के उद्देश्य से बच्चे का अपहरण करने या उसे अपंग बनाने के खिलाफ सजा का प्रावधान है। बीएनएस की धारा 141 में अवैध यौन शोषण आदि के लिए किसी लड़की या लड़के को विदेश से लाने के लिए सजा का प्रावधान है। इन अपराधों के लिए सजा दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक है।
यह जानकारी गृह राज्यमंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/आरपी/जेके
(रिलीज़ आईडी: 2042530)
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