गृह मंत्रालय
आईसीजेएस का चरण-II
Posted On:
30 JUL 2024 4:29PM by PIB Delhi
देश में स्थापित आपराधिक न्याय प्रदायगी हेतु सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियों में मुख्य रूप से अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणालियां अर्थात सीसीटीएनएस (पुलिस के लिए), ई-फोरेंसिक (फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए), ई-प्रॉसिक्यूशन (सरकारी अभियोजकों के लिए), ई-कोर्ट (न्यायालयों के लिए) और ई-प्रिजन (जेलों के लिए) शामिल हैं । ये आईटी प्रणालियां सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यात्मक स्टैंड-अलोन प्रणालियां हैं। आईसीजेएस परियोजना का चरण-II इन स्टैंड-अलोन आईटी प्रणालियों को निर्बाध डेटा एक्सचेंज के लिए आपस में जोड़ेगा और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए नई तकनीकें भी प्रदान करेगा।
आईसीजेएस चरण-II के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
i. पुलिस, जेल, फोरेंसिक, अभियोजन और न्यायालयों के विभिन्न डेटा सेटों के बीच निर्बाध एकीकरण की सुविधा प्रदान करना।
ii. डेटा प्रविष्टि में त्रुटियों को कम करके डेटा की गुणवत्ता में वृद्धि करना।
iii. विभागों के बीच डेटा की आसान पहुंच के कारण जांच में और परिणामस्वरूप सुनवाई के दौरान कार्यकुशलता और समयबद्धता बढ़ाना।
iv. उपलब्ध डेटा एनालिटिक्स और आधुनिक उपकरणों के जांच में प्रभावी उपयोग को सक्षम करना।
v. निर्णय लेने में कागजी रिकॉर्ड पर निर्भरता कम करना।
vi. “स्मार्ट पुलिसिंग” की ओर बदलाव को सक्षम करना।
आईसीजेएस चरण-II के घटक निम्नलिखित हैं:-
i. हार्डवेयर (एप्लिकेशन सर्वर और क्लाइंट-एंड सिस्टम)
ii. आईसीजेएस के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट
iii. आईसीजेएस विकास और प्रबंधन
iv. नेटवर्क कनेक्टिविटी
v. आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर (समर्पित और सुरक्षित क्लाउड-आधारित)
vi. संचालन और रखरखाव
vii. जागरूकता एवं क्षमता निर्माण
यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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