नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम)
Posted On:
30 JUL 2024 4:47PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी, 2023 को 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। मिशन का व्यापक उद्देश्य 2030 तक हरित हाइड्रोजन के 5 एमएमटी प्रति वर्ष उत्पादन को लक्ष्य बनाकर भारत को हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। मिशन के हिस्से के रूप में निम्नलिखित घटकों की घोषणा की गई है:
i. निर्यात और घरेलू उपयोग के माध्यम से मांग सृजन को सुविधाजनक बनाना;
ii. हरित हाइड्रोजन संक्रमण (साइट) कार्यक्रम के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप, जिसमें इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं;
iii. इस्पात, आवाजाही, शिपिंग, विकेन्द्रीकृत ऊर्जा का इस्तेमाल, बायोमास से हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन भंडारण आदि के लिए पायलट परियोजनाएं;
iv. हरित हाइड्रोजन हब का विकास;
v. इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए समर्थन;
vi. विनियमों और मानकों का एक मजबूत ढांचा स्थापित करना;
vii. अनुसंधान और विकास कार्यक्रम जिसमें अनुसंधान और विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी शामिल है;
viii. कौशल विकास कार्यक्रम; और
ix. जन जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रम।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में विभिन्न मदों के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 600 करोड़ रुपये का परिव्यय है।
2030 तक परिकल्पित हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता से हरित हाइड्रोजन उद्योग में कुल निवेश से 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलने की संभावना है। इस निवेश से 2030 तक 6,00,000 रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
हरित हाइड्रोजन में उर्वरक उत्पादन, पेट्रोलियम शोधन, आवाजाही का क्षेत्र, इस्पात उत्पादन और शिपिंग प्रोपल्शन का इस्तेमाल सहित विभिन्न क्षेत्रों में आयातित जीवाश्म ईंधन के उपयोग को प्रतिस्थापित करने की क्षमता है।
मिशन से 2030 तक कुल 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन आयात में कमी आने की उम्मीद है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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