रक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

रक्षा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत मानव रहित हवाई प्रणाली, संचार और यांत्रिक एवं सामग्री के लिए परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 30 JUL 2024 4:08PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 30 जुलाई, 2024 को उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) के तहत तीन अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, लखनऊ में यांत्रिक एवं सामग्री (एमएंडएम) क्षेत्र में एक केंद्र तथा कानपुर में दो केंद्र स्थापित किये जाएंगे। इनमें मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) और संचार क्षेत्र में एक-एक सुविधा केंद्र शामिल है। रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना (डीटीआईएस) के अंतर्गत नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मई, 2020 में 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना का शुभारंभ किया था, जिसका उद्देश्य निजी उद्योग और केंद्र/राज्य सरकार के सहयोग से अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं शुरू करना, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना, आयात को कम करना तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है। रक्षा औद्योगिक गलियारों के अंतर्गत रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने के लक्ष्य के साथ सात परीक्षण सुविधाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से चार तमिलनाडु में और तीन उत्तर प्रदेश के लिए हैं। आज यूपीडीआईसी में तीन परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे के तहत चेन्नई में मानवरहित हवाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स के क्षेत्र में तीन सुविधाएं स्थापित करने के समझौते पर 02 जुलाई, 2024 को हस्ताक्षर किए गए।

रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना में 75% तक सरकारी वित्त पोषण ‘अनुदान सहायता’ के रूप में प्रदान किया जाता है, शेष 25% हिस्सा विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, जिसमें भारतीय निजी संस्थाएं और राज्य/केंद्र सरकारें शामिल होती हैं।

यांत्रिक एवं सामग्री सुविधा के लिए मिधानी प्रमुख एसपीवी सदस्य है, जबकि कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियां कंसोर्टियम की सदस्य हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड क्रमशः मानवरहित हवाई प्रणाली तथा संचार परीक्षण सुविधाओं में अग्रणी एसपीवी सदस्य हैं।

इस परियोजना के पूरा होने पर, ये सुविधाएं सरकारी व निजी दोनों तरह के संस्थाओं को उन्नत परीक्षण उपकरण और सेवाएं प्रदान करेंगी, साथ ही परीक्षण क्षमताओं एवं प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए राजस्व का पुनर्निवेश किया जाएगा, जिससे रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

*********

एमजी/एआर/एनके/डीके




(Release ID: 2039122) Visitor Counter : 222


Read this release in: English , Urdu , Hindi_MP , Tamil