सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार

Posted On: 29 JUL 2024 5:09PM by PIB Bhopal

उद्यम पंजीकरण पोर्टल 01.07.2020 को शुरू किया गया। 24.07.2024 तक उद्यम पंजीकरण पोर्टल और उद्यम सहायता प्लेटफार्म पर एमएसएमई द्वारा कुल 20.51 करोड़ रोजगार रिपोर्ट किये गये। वर्षवार विवरण इस प्रकार हैः -

 

अवधि / वित्तीय वर्ष

उद्यम पंजीकरण पोर्टल

उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म*

कुल

2020-21
(01/07/2020 - 31/03/2021)

2,72,96,365

-

2,72,96,365

2021-22

3,49,54,322

-

3,49,54,322

2022-23

4,46,95,314

13,32,489

4,60,27,803

2023-24

7,51,13,797

2,22,90,752

9,74,04,549

कुल

18,20,59,798

2,36,23,241

20,56,83,039

*11.01.2023 को लॉन्च किया गया

 

एमएसएमई मंत्रालय, सूक्ष्म, लधु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिये एक से बढ़कर एक योजनाओं को लागू कर रहा है। इसके लिये मंत्रालय एमएसएमई के बीच ‘जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जैडईडी) व्यवहारों को लेकर जागरूकता बढ़कार, उन्हें जैडईडी प्रमाणीकरण के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित कर रहा है। इनके माध्यम से एमएसएमई नुकसान को कम कर उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ा सकते हैं, उर्जा की बचत, प्राकृतिक संसाधनों का ईष्टतम उपयोग और अपने बाजार का विस्तार कर सकते हैं आदि ...।

 

सरकार एमएसएमई क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू- जीकेवाई), ग्रामीण स्व-रोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआईएस), दीन दयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई- एनयूएलएम), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), आदि जैसी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है।

 

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्वम मंत्रालय (एमएसएमई), एमएसएमई के संवर्धन और विकास के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर रहा है जिससे अधिक रोजगार पैदा होते हैं। इन योजनाओं और कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), सूक्ष्म और लघु उद्यम ऋण गारंटी कोष ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये - क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई - सीडीपी), एमएसएमई प्रदर्शन बढ़ाना और तेज करना (आरएएमपी) आदि शामिल हैं।

 

सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिये कई पहलें की हैं। उनमें से कुछ हैंः-

1. ऋण गारंटी योजना के तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये रिण गारंटी कोष ट्रस्ट के माध्यम से विभिन्न श्रेणी के कर्ज के लिये 85 प्रतिशत तक गारंटी कवरेज के साथ सूक्ष्म, लघु उद्यमों को 500 लाख रूपये (01.04.2023 से प्रभावी) तक रहन/गारंटी मुक्त रिण उपलब्ध कराना।

2. आत्मनिर्भर भारत कोष के माध्यम से 50,000 रूपये तक इक्विटी निवेश। इस योजना के लिये भारत सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रूपये के कोष का प्रावधान किया गया है।

3. बढ़ी सीमा के साथ एमएसएमई वर्गीकरण के लिये नया संशोधित मानदंड।

4. कारोबार में सुगमता के लिये ‘‘उद्यम पंजीकरण पोर्टल’’ के माध्यम से एमएसएमई का पंजीकरण।

5. 200 करोड़ रूपये तक की खरीद के लिये वैश्विक निविदा जारी नहीं करनी होगी।

6. रिण प्रायोजन के लिये 02.07.2021 से खुदरा और थोक बिक्री व्यापार को एमएसएमई में शामिल किया गया।

7. एमएसएमई के दर्जे में बढ़ोतरी होने की स्थिति में गैर-कर लाभ को तीन साल बढ़ाया गया।

8. पांच साल में 6,000 करोड़ रूपये के परिव्यय के साथ एमएसएमई कार्य निष्पादन बढ़ाने और तेज करने (आरएएमपी) का कार्यक्रम शुरू किया गया।

9. प्रशिक्षित कार्यबल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिये उद्यम पंजीकरण पोर्टल का श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के कौशल भारत डिजिटल के साथ एकीकरण।

10. विवाद से विश्वास- 1 के तहत काटी गई प्रदर्शन सिक्युरिटी, बोली सिक्युरिटी, परिसमापन नुकसान का 95 प्रतिशत तक रिफंड देकर राहत पहुंचाई गई। अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण बाहर किये गये एमएसएमई को राहत दी गई।

11. प्राथमिक क्षेत्र ऋण (पीएसएल) सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने के लिये अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को औपचारिक दायरे में लाने के लिये उद्यम सहायता प्लेटफार्म की शुरूआत की गई।

12. पारंपरिक 18 व्यवसायों में कार्यरत कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक समग्र लाभ देने के लिये 17.09.2023 को ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ की शुरूआत की गई।

 

यह जानकारी केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने आज राज्य सभा को एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/एमएस/डीए


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