रेल मंत्रालय
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दक्षिण मध्य रेलवे के 1465 किलोमीटर पर स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली 'कवच' स्थापित की गई है, इसे 144 ट्रेनों में यह सिस्टम लगाया गया है


'कवच' पर अब तक 1216.77 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है, वर्ष 2024-25 के लिए 1112.57 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं

Posted On: 24 JUL 2024 7:08PM by PIB Delhi

स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली ‘कवच' उच्चतम सुरक्षा प्रमाणन के साथ एक अत्यधिक उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली है।

ऐसे मामलों में जहां ट्रेन चला रहा लोको पायलट खुद ब्रेक लगाने में असमर्थ है, 'कवच' स्वचालित रूप से ब्रेक लगाने और ट्रेन को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलाने में मदद करता है। इसके अलावा यह प्रणाली प्रतिकूल मौसम की स्थिति में ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी सहायक है।

स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकनकर्ता 'कवच' को सुरक्षा के उच्चतम स्तर - एसआईएल4 प्रमाणपत्र दिया गया है। यह प्रणाली विशेष गैर-एसआईएल सुविधाओं के माध्यम से ब्लॉक खंडों और पटरियों पर ट्रेनों के एक-दूसरे से टकराने की संभावना को कम करती है। इसके अलावा, अन्य देश भी 'कवच' को अपनाए जाने के इच्छुक हैं।

कवच के कार्यान्वयन में कई गतिविधियों का कार्यान्वयन शामिल है, जैसे:

क. प्रत्येक स्टेशन पर स्टेशन "कवच" की स्थापना।

ख. रेलवे पटरियों के किनारे आरएफआईडी टैग की स्थापना।

ग. पूरे अनुभाग में दूरसंचार टावरों की स्थापना।

घ.  रेलवे ट्रैक के किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना

ड. भारतीय रेलवे के प्रत्येक लोकोमोटिव पर कवच का प्रावधान।

कवच को अब तक दक्षिण मध्य रेलवे पर 1465 रूट किमी और 144 इंजनों (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक सहित) पर स्थापित किया गया है।

वर्तमान में, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000 रूट किमी) पर कवच से संबंधित मुख्य मदों की प्रगति निम्नानुसार है:

  1. 4275 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल का काम पूरा हो चुका है।
  2. 364 टेलीकॉम टावर स्थापित किए गए हैं।
  3. 285 स्टेशनों पर 'कवच' उपकरणों की स्थापना का प्रावधान।
  4. 319 कोचों में 'कवच' उपकरण लगाने का प्रावधान।
  5. रेलवे पटरियों के किनारे 'कवच' से संबंधित उपकरणों के 1384 रूट किलोमीटर पर इसकी स्थापना हो चुकी है।

इसके अलावा, अन्य 6000 रूट किमी के विस्तृत अनुमान के साथ भारतीय रेलवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी गई है। दक्षता बढ़ाने और कार्यक्षमता को व्यापक बनाने के लिए अधिक ओईएम द्वारा प्रयोग विभिन्न चरणों में हैं।

कवच 4.0

अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने 16.07.2024 को 'कवच 4.0' की विशेष विशिष्टताओं को मंजूरी दी थी। इस संस्करण में विभिन्न रेलवे नेटवर्क के लिए आवश्यक सभी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं। यह भारतीय रेलवे की सुरक्षा में एक बड़ा मील का पत्थर है। बहुत ही कम समय में, भारतीय रेलवे ने एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली विकसित करना शुरू कर दिया है, परीक्षण पूरा कर लिया है और सिस्टम को एक लक्षित क्षेत्र में तैनात कर दिया है।

'कवच' से संबंधित कार्यों के लिए अब तक उपयोग की गई धनराशि 1216.77 करोड़ रुपये है। वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित धनराशि 1112.57 करोड़ रुपये है। 'कवच' के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग केवल 'कवच' के लिए किया जा रहा है।

यह जानकारी रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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