विधि एवं न्याय मंत्रालय
पिछले तीन वित्त वर्षों यानी 2021-22, 2022-23, 2023-24 और चालू वित्त वर्ष 2024-25 (मई, 2024 तक) के दौरान कानूनी सेवा संस्थानों द्वारा दी गई नि:शुल्क कानूनी सेवाओं के माध्यम से लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण
Posted On:
26 JUL 2024 1:25PM by PIB Delhi
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोगों सहित समाज के निर्धन और कमजोर वर्गों को निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित प्राधिकरणों/संस्थाओं की स्थापना की गई है -
- राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा)
- उच्चतम न्यायालय स्तर पर उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति (एससीएलएससी)
- III. उच्च न्यायालय स्तर पर 38 उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समितियां (एचसीएलएससी)
- IV. राज्य स्तर पर 37 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए)
- जिला स्तर पर 703 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए)
- VI. तालुक स्तर पर 2390 तालुक विधिक सेवा समितियां (टीएलएससी)
सामान्य जन को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा बच्चों, मजदूरों, आपदा पीडितों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगजनों आदि से संबंधित विभिन्न कानूनों और योजनाओं पर देश भर में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, विधिक सेवा प्राधिकरणों ने भी विभिन्न कानूनों पर सहज भाषा में पुस्तिकाएं और पैम्फलेट तैयार किए हैं जो लोगों के बीच वितरित किए जाते हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान 4.30 लाख से अधिक कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 4.49 करोड़ व्यक्तियों ने भाग लिया।
पिछले तीन वित्त वर्षों अर्थात 2021-22, 2022-23, 2023-24 और चालू वित्त वर्ष 2024-25 (मई, 2024 तक) में विधिक सेवा संस्थानों द्वारा प्रदान की गई नि:शुल्क कानूनी सेवाओं के माध्यम से लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण अनुलग्नक - ए में दिया गया है।
सरकार द्वारा नालसा को वार्षिक आधार पर सहायता अनुदान के अंतर्गत निधियां आबंटित और जारी की जाती हैं। पिछले 3 वर्षों यानी 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान सरकार द्वारा नालसा को क्रमशः 145 करोड़ रुपये, 190 करोड़ रुपये और 400 करोड़ रुपये का सहायता अनुदान आवंटित/जारी किया गया। चालू वर्ष यानी 2024-25 के लिए नालसा को 200 करोड़ रुपये का सहायता अनुदान आवंटित किया गया है, जिसमें से सरकार द्वारा अब तक 83 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान विधिक सहायता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों को नालसा द्वारा आबंटित निधियों के ब्यौरे अनुलग्नक-बी में दिए गए हैं।
विधिक सेवा प्राधिकारियों के कार्यनिष्पादन की निगरानी के लिए नालसा सभी एसएलएसए से मासिक कार्यकलाप रिपोर्टें प्राप्त करता है जिसमें किसी विशेष माह में किए गए सभी क्रियाकलापों को दिखाया जाता है। इसके बाद नालसा द्वारा मासिक आधार पर अंतिम कार्यकलाप रिपोर्ट सरकार को भेजी जाती है जिसकी समीक्षा की जाती है और उसे संकलित किया जाता है। मासिक कार्यकलाप रिपोर्टों के अतिरिक्त नालसा सभी एसएलएसए से वार्षिक रिपोर्टें भी प्राप्त करता है और अपनी वार्षिक रिपोर्ट तैयार करता है जिसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अधीन विधिक सहायता के कामकाज का मूल्यांकन करने के लिए कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी विभाग से संबद्ध संसदीय स्थायी समिति द्वारा विभिन्न विषयों पर आवधिक समीक्षाएं भी की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, विधिक सेवा प्राधिकरणों के कार्यनिष्पादन की निगरानी के लिए नालसा द्वारा प्राय: अखिल भारतीय बैठकें और प्रादेशिक बैठकें आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर नालसा और न्याय विभाग के प्रतिनिधियों के बीच नियमित बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।
अनुलग्नक-ए
अनुलग्नक-बी
यह जानकारी आज लोकसभा में विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/एजी/एसके
(Release ID: 2037780)