खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने पीएमकेएसवाई के तहत 41 मेगा फूड पार्क, 399 कोल्ड चेन परियोजनाओं, 76 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 588 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मंजूरी दी
Posted On:
25 JUL 2024 4:56PM by PIB Delhi
यह देखा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), रोजगार, निर्यात आदि में अपने योगदान के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है। 2022-23 को समाप्त होने वाले पिछले आठ वर्षों के दौरान, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र लगभग 5.35% की औसत वार्षिक वृद्धि दर (एएजीआर) से बढ़ रहा है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) भी 2015-16 के 1.61 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1.92 लाख करोड़ रुपये हो गया है (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के पहले संशोधित अनुमान के अनुसार)। नवीनतम वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (एएसआई) रिपोर्ट के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में रोजगार 2014-15 के 17.73 लाख से बढ़कर 2021-22 में 20.68 लाख हो गया है। इसके अलावा, कृषि-खाद्य निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात का प्रतिशत हिस्सा 2014-15 के 13.7% से बढ़कर 2023-24 में 23.4% हो गया है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने और इसे विभिन्न चुनौतियों से उबरने में मदद करने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) केंद्रीय क्षेत्र की समग्र (अम्ब्रेला) योजना अर्थात प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केंद्र प्रायोजित योजना पीएम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) लागू कर रहा है।
देश भर में पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय रोजगार के अवसरों के सृजन, कृषि उपज की बर्बादी को कम करने, प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के प्रचार, समग्र विकास और विकास के लिए खेत से खुदरा दुकान तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना-निर्माण में मदद करता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय नए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों/इकाइयों/परियोजनाओं की स्थापना और मौजूदा उद्योगों का विस्तार करने के लिए पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के तहत अनुदान-सहायता (जीआईए) के रूप में पूंजीगत सब्सिडी के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 30 जून, 2024 तक मंत्रालय ने पीएमकेएसवाई की संबंधित घटक योजनाओं के तहत 41 मेगा फूड पार्क, 399 कोल्ड चेन परियोजनाओं, 76 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 588 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, 61 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज परियोजनाओं और 52 ऑपरेशन ग्रीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की स्थापना/उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता भी प्रदान करता है। यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए है, जिसका कुल परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये है। 30 जून, 2024 तक पीएमएफएमई के तहत सहायता के लिए कुल 92,549 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को मंजूरी दी गई है।
पीएलआईएसएफपीआई का उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैंपियनों के निर्माण, विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना है। यह योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ कार्यान्वित की जा रही है और 30 जून, 2024 तक योजना की विभिन्न श्रेणियों के तहत सहायता के लिए कुल 172 खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को मंजूरी दी गई है।
यह जानकारी आज लोकसभा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।
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