अणु ऊर्जा विभाग
अन्वेषण और अनुसंधान के लिए परमाणु खनिज निदेशालय द्वारा कर्नाटक के मांड्या और यादगिरि जिलों में लिथियम संसाधनों की खोज
भारत ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकी में वैश्विक रुझानों की जांच की
भारत और रूस परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग का विस्तार करेंगे
Posted On:
25 JUL 2024 5:38PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ), परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझा किया है कि परमाणु ऊर्जा विभाग की एक घटक इकाई, परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (एटॉमिक मिनरल डायरेक्टरेट फॉर एक्सप्लोरेशन एंड रिसर्च-एएमडी) को कर्नाटक के मांड्या और यादगिरी जिलों में लिथियम संसाधनों की उपस्थिति मिली है। इसके अलावा, लिथियम संसाधनों की पहचान और अनुमान लगाने के लिए कर्नाटक के यादगिरी जिले में प्रारंभिक सर्वेक्षण और सीमित उपसतह अन्वेषण किया गया है। मंत्री महोदय ने आज राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एएमडी ने कर्नाटक के मांड्या जिले के मार्लागल्ला क्षेत्र में 1,600 टन (जी3 चरण) लिथियम संसाधनों की पुष्टि की है ।
लिथियम भंडार की उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में, एएमडी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कुछ क्षेत्रों में संभावित भूवैज्ञानिक डोमेन में लिथियम की खोज कर रहा है। हालाँकि, राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश में स्थित प्रमुख अभ्रक बेल्ट और ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में पेगमाटाइट बेल्ट लिथियम संसाधनों के लिए देश में संभावित भूवैज्ञानिक डोमेन हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की एक घटक इकाई, परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) द्वारा हाल ही में किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षण से मसानबल, हमीरपुर जिले में सतह पर यूरेनियम की उपस्थिति की पहचान हुई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि परमाणु ऊर्जा आयोग ने हिमाचल प्रदेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया है।
राज्यों की परिषद में डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार परमाणु ऊर्जा विभाग छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के क्षेत्र में विश्व भर में हो रहे घटनाक्रम और वर्तमान रुझानों पर ध्यान दे रहा है। यद्यपि विभिन्न देशों और विदेशी-आधारित विक्रेताओं द्वारा प्रकाशित छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की विभिन्न तकनीकों और डिज़ाइनों का तकनीकी विवरण इकट्ठा करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है, तथापि विदेशी विक्रेताओं/देशों के साथ सहयोग करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उन्होंने यह भी साझा किया कि वर्तमान में, किसी भी निजी कंपनी ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के उत्पादन में रुचि नहीं दिखाई है। हालाँकि, कुछ निजी उद्यमियों ने अपने कार्यक्षेत्रों (कैप्टिव साइट्स) पर छोटे रिएक्टर लगाने में रुचि दिखाई है।
केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने बताया कि भारत सरकार और रूसी संघ सरकार ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के क्षेत्र में सहयोग सहित शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने में रुचि व्यक्त की है।
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