सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के अंतर्गत जनजातियों के लिए रोजगार सृजन

Posted On: 25 JUL 2024 5:05PM by PIB Delhi

सरकार देश में जनजातीय समुदायों सहित देश के अन्य बेरोजगार युवाओं के लाभ के लिए कई योजनाएं/कार्यक्रम लागू कर रही है, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी):

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय देश भर के उद्यमियों को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयां स्थापित करने में सहायता करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को लागू कर रहा है। इसके अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति आवेदन करने के लिए पात्रता रखता है। इसका लक्ष्य पारंपरिक कारीगरों व ग्रामीण तथा शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके घर के दरवाजे पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम केंद्रीय क्षेत्र की एक प्रमुख योजना है, जिसके तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% तथा शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी (एमएम) सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाओं, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर व पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी एवं सीमावर्ती क्षेत्रों तथा आकांक्षी जिलों जैसी विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% है। इसके अलावा, सामान्य श्रेणी के लाभार्थी परियोजना लागत का 10% योगदान प्राप्त करते हैं, जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 5% हिस्सा दिया जाता है। विनिर्माण क्षेत्र में परियोजना की अधिकतम लागत 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये निर्धारित है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों से संबंधित सहायता प्राप्त सूक्ष्म उद्यमों की संख्या और उन्हें वितरित की गई मार्जिन मनी सब्सिडी तथा इन इकाइयों द्वारा सृजित रोजगार के अवसर नीचे दिए गए हैं:

 

वित्त वर्ष

अखिल भारतीय (अनुसूचित जनजाति)

ग्रामीण क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति)

सहायता प्राप्त इकाइयां

अनुमानित रोजगार सृजित

एमएम सब्सिडी (करोड़ रुपये)

सहायता प्राप्त इकाइयां

अनुमानित रोजगार सृजित

एमएम सब्सिडी (करोड़ रुपये)

2019-20

6,020

48,160

122.30

5,402

43,216

112.64

2020-21

5,497

43,976

127.09

4,994

39,952

117.37

2021-22

7,225

57,800

163.94

6,497

51,976

150.43

2022-23

4,850

38,800

133.48

4,300

34,400

120.22

2023-24

4,681

37,448

169.09

4,018

32,144

149.85

 

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान अनुसूचित जनजातियों के स्वामित्व वाली सूक्ष्म इकाइयों के संदर्भ में महाराष्ट्र में उनका प्रदर्शन निम्नानुसार है:

 

वित्त वर्ष

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में ग्रामीण क्षेत्र

सहायता प्राप्त इकाइयां

अनुमानित रोजगार सृजित

एमएम सब्सिडी (करोड़ रुपये)

सहायता प्राप्त इकाइयां

अनुमानित रोजगार सृजित

एमएम सब्सिडी (करोड़ रुपये)

2019-20

112

896

1.39

103

824

1.29

2020-21

92

736

1.66

82

656

1.52

2021-22

113

904

3.35

98

784

2.99

2022-23

91

728

2.06

82

656

1.91

2023-24

79

632

2.54

70

560

2.26

 

उद्यम और उद्यम सहायता मंच (यूएपी) पोर्टल: सरकार ने कारोबार में सुगमता के लक्ष्य के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए 01.07.2020 से “उद्यम पंजीकरण” शुरू किया था। इसके साथ ही प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक दायरे में लाने हेतु 11.01.2023 को उद्यम सहायता मंच शुरू किया था।

अखिल भारतीय स्तर पर तथा महाराष्ट्र राज्य के लिए उद्यम और उद्यम सहायता मंच के अंतर्गत प्रारंभ से लेकर अब तक पंजीकृत अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की कुल संख्या व रोजगार की सूचना नीचे उपलब्ध कराई गई है:

 

अखिल भारतीय

प्लेटफॉर्म

कुल पंजीकरण (संख्या)

रोजगार

उद्यम

7,60,851

57,58,623

यूएपी

7,82,567

8,55,286

कुल:-

15,43,418

66,13,909

 

 

 

महाराष्ट्र

प्लेटफॉर्म

कुल पंजीकरण (संख्या)

रोजगार

उद्यम

82,436

3,78,392

यूएपी

76,232

78,958

कुल:-

1,58,668

4,57,350

*22/07/2024 तक

 

i. क्रेडिट गारंटी योजना: भारत सरकार का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय वर्तमान में सूक्ष्म तथा लघु स्तरीय उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से सूक्ष्म व लघु उद्यमों की सहायता हेतु क्रेडिट गारंटी योजना भी लागू कर रहा है, ताकि विभिन्न श्रेणियों के ऋणों में 85% तक की गारंटी कवरेज के साथ सूक्ष्म उद्यमों को 500 लाख रुपये की सीमा तक (01.04.2023 से प्रभावी) जमानत मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा सके।

वर्ष 2000 में इसकी शुरुआत के बाद से 30 जून 2024 तक 6.78 लाख करोड़ रुपये की राशि से संबंधित 91.76 लाख गारंटियां स्वीकृत की गईं। पहली बार, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में गारंटी कवरेज 2.00 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।

वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लाभार्थियों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज के तहत स्वीकृत गारंटियों की संख्या और इसमें निहित राशि नीचे दी गई है:

 

वित्त वर्ष

अखिल भारतीय

महाराष्ट्र

स्वीकृत गारंटियों की संख्या

राशि (करोड़ रुपये)

स्वीकृत गारंटियों की संख्या

राशि (करोड़ रुपये)

 

2019-20

5681

246.60

198

11.92

 

2020-21

11960

313.88

298

7.08

 

2021-22

13396

427.65

232

9.69

 

2022-23

21849

919.62

513

26.69

 

2023-24

27926

1518.60

1363

64.46

 

 

ii. पारंपरिक उद्योगों के पुनरुद्धार के लिए निधि योजना (स्फूर्ति):

स्फूर्ति योजना पारंपरिक उद्योगों एवं कारीगरों को उनकी दीर्घकालिक स्थिरता और पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के लिए सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य के साथ समूहों में संगठित करके पारंपरिक उद्योगों को अधिक उत्पादक व प्रतिस्पर्धी बनाने के लक्ष्य के साथ साल 2005-06 में शुरू की गई थी। इस योजना को 2014-15 में एक नया रूप दिया गया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य कारीगरों की आय में सतत वृद्धि के भाव से बड़े पैमाने पर मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्माण के लिए पारंपरिक कारीगरों को सामूहिक रूप से संगठित करना है।

वित्तीय सहायता:

  • 500 कारीगरों तक के नियमित क्लस्टरों के लिए 2.5 करोड़ रुपये
  • 500 से अधिक कारीगरों वाले मुख्य क्लस्टरों के लिए 5.0 करोड़ रुपये

स्फूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत क्लस्टरों का विवरण

वर्ष 2015-16 से स्फूर्ति योजना के तहत स्वीकृत किये गए कुल 513 क्लस्टरों में से 50 क्लस्टर अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं, जिन्हें भारत सरकार से कुल 121.41 करोड़ रुपये की सहायता मिली है और इससे 24,126 पारंपरिक कारीगरों को सीधे लाभ प्राप्त हुआ है। अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत इन 50 क्लस्टरों में से 34 क्लस्टर वर्तमान में कार्यरत हैं और 15,585 कारीगरों को स्थायी रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

साल 2020 में अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत वर्धा बांस क्लस्टर को महाराष्ट्र में भारत सरकार की 1.61 करोड़ रुपये की सहायता से स्वीकृति दी गई, जिससे 229 कारीगर लाभान्वित हुए हैं।

iii. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति केंद्र (एनएसएसएच):

यह भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की एक केंद्रीकृत क्षेत्रीय योजना है, जिसे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा साल 2016 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों की क्षमता बढ़ाना और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की आबादी के बीच "उद्यमिता संस्कृति" को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति केंद्र योजना अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आबादी को सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सशक्त बना रही है और मंत्रालयों, विभागों तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम द्वारा सार्वजनिक खरीद नीति के तहत अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति के उद्यमों से 4% खरीद के अनिवार्य लक्ष्य को पूरा कर रही है।

प्रारंभ से लेकर अब तक अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित कुल 28978 लाभार्थियों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति केंद्र योजना के विभिन्न घटकों के अंतर्गत लाभ उठाया है और इनमें से 2579 लाभार्थी महाराष्ट्र राज्य से हैं।

vi.  कॉयर विकास योजना (सीवीवाई)

कॉयर विकास योजना एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसके छह उप-घटक हैं और इसे भारत में कॉयर उद्योग के समग्र एवं सतत विकास के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कॉयर विकासयोजना के अंतर्गत कई तरह की गतिविधियों की परिकल्पना की गई है, जिसमें अनुसंधान एवं विकास, कारीगरों का कौशल विकास, आधुनिकीकरण, उन्नयन और नई इकाइयों की स्थापना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, घरेलू तथा निर्यात बाजार को बढ़ावा देना, व्यापार व उद्योग जगत से संबंधित कार्यात्मक सहायता सेवाएं प्रदान करना और कॉयर श्रमिकों का कल्याण सुनिश्चित करना शामिल किया गया है। अनुसूचित जनजाति लाभार्थियों का विवरण इस प्रकार है:-

 

संख्या: प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या

वित्त वर्ष

2021-22

एसटी लाभार्थियों की संख्या

वित्त वर्ष

 2022-23

एसटी लाभार्थियों की संख्या

वित्त वर्ष

2023-24

एसटी लाभार्थियों की संख्या

4755

726

2794

242

4193

548

 

यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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