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अटल इनोवेशन मिशन और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने वैश्विक दक्षिण में संयुक्त नवाचार कार्यक्रम बनाने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 22 JUL 2024 2:13PM by PIB Delhi

डब्ल्यूआईपीओ अकादमी के कार्यकारी निदेशक श्री शेरिफ सादल्लाह और डब्ल्यूआईपीओ अकादमी की प्रमुख सुश्री अल्ताये टेडला सहित विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और डब्ल्यूआईपीओ के बीच एक संयुक्त आशय पत्र (जेएलओआई) पर हस्ताक्षर करने के लिए नीति आयोग का दौरा किया। इसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए नवाचार, उद्यमिता और बौद्धिक संपदा (आईपी) के लिए कार्यक्रम बनाना है।

भारत सरकार में शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से इसकी शोभा बढ़ाई। नीति आयोग की ओर से उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत और अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव शामिल थे।

भारत सरकार के शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि भारत का नवाचार इकोसिस्‍टम वैश्विक हो रहा है। नवाचार भारत की ताकत है। एआईएम और डब्ल्यूआईपीओ के बीच यह अग्रणी साझेदारी भारत के सर्वश्रेष्ठ नवाचार मॉडल को उन देशों तक ले जाएगी जो समान विकास पथ पर हैं, और स्कूल स्तर से ही आईपीआर के बारे में समझ और जागरूकता बढ़ाएगी और दुनिया की नवाचार क्षमता को खोलने के साथ-साथ समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

डब्ल्यूआईपीओ अकादमी के कार्यकारी निदेशक श्री शेरिफ सादल्लाह ने अपने संबोधन में कहा - "बौद्धिक संपदा (आईपी) नवाचार और रचनात्मकता के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है, जो युवाओं के विकास और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। युवाओं पर हमारा ध्यान अधिक समावेशी वैश्विक आईपी इकोसिस्‍टम बनाने के हमारे काम का एक अभिन्न अंग है, और अटल नवाचार मिशन के साथ हमारी साझेदारी नवाचार और रचनात्मकता में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डब्ल्यूआईपीओ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है ताकि आईपी इकोसिस्‍टम का उपयोग व्यापक जनसांख्यिकी द्वारा किया जा सके, जिससे अधिक नवीन और रचनात्मक वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।"

पिछले साल, डब्‍ल्‍यूआईपीओ के महानिदेशक श्री डेरेन टैंग ने एआईएम इकोसिस्‍टम का दौरा किया था और अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) और अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता के लिए एक अच्छा टेम्पलेट बनाने की वकालत की थी। उनके अवलोकनों ने डब्‍ल्‍यूआईपीओ को इस साल की शुरुआत में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में डब्‍ल्‍यूआईपीओ मुख्यालय में विकास और बौद्धिक संपदा (सीडीआईपी) पर समिति में सदस्य देशों के सामने इन प्रमुख पहलों को प्रदर्शित करने के लिए एआईएम के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव को आमंत्रित करने के लिए प्रेरित किया। आज हस्ताक्षरित समझौता इन वार्तालापों से सामने आया है।

इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा, "भारत के उद्यमिता विकास मॉडल को डब्‍ल्‍यूआईपीओ द्वारा मान्यता दिया जाना भारत और इस मिशन की मेजबानी करने वाले नीति आयोग के लिए गर्व का क्षण है। यह राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता पर नीति आयोग और डब्‍ल्‍यूआईपीओ के बीच पहले से ही उत्पादक संबंधों को और गहरा करता है।"

संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों में से एक के रूप में, डब्‍ल्‍यूआईपीओ नोडल संस्था है जो सालाना वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) जारी करती है। जीआईआई 2023 रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जीआईआई रैंकिंग में शामिल 132 अर्थव्यवस्थाओं में 40वां स्थान बरकरार रखा है। डब्‍ल्‍यूआईपीओ रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत ने पेटेंट दाखिल करने में लगातार छठे वर्ष वृद्धि का अनुभव किया है, जिसने वैश्विक स्तर पर 31.6 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी स्‍थान के दस्‍तावेजों में पर्याप्त वृद्धि 2022 में समग्र विकास का मुख्य चालक थी।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने अपने संबोधन में कहा कि, "पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में हमारी अंतर्राष्ट्रीय आकांक्षाओं के अनुरूप अपनी उद्यमशीलता की यात्रा में बड़ी प्रगति की है। एआईएम और डब्ल्यूआईपीओ के बीच यह साझेदारी भारत को नवाचार में वैश्विक नेतृत्‍वकर्ता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने के लिए हमारे विशाल प्रतिभा पूल और गतिशील बाजार का लाभ उठाया जा सकेगा। यह साझेदारी आईपी-आधारित नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने और इस प्रकार हमारे देश की तकनीकी प्रगति के भविष्य की सुरक्षा करने की स्थिति में बदलाव ला सकती है।"


इस जेएलओआई के महत्व पर अपने विचार साझा करते हुए, अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा, “हमें उम्मीद है कि एआईएम-डब्ल्यूआईपीओ साझेदारी से कई देशों को लाभ होगा, जिनके लिए अटल टिंकरिंग लैब्स और अटल इनोवेशन सेंटर जैसे मॉडल उनके इनोवेशन इकोसिस्टम के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। दोनों पक्षों के एक साथ आने का अनुभव हमें इन मॉडलों को और अधिक समग्र बनाने में मदद करता है क्योंकि अब इनोवेशन और उद्यमिता गंभीर तरीके से बौद्धिक संपदा (आईपी) से मिलते हैं।”

डब्ल्यूआईपीओ प्रतिनिधिमंडल भारत की 4 दिवसीय यात्रा पर है और 23 जुलाई को एआईसी जीजीएसआईपीयू, द्वारका में इनोवेशन में बौद्धिक संपदा पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेगा। प्रतिनिधि अपनी यात्रा के दौरान अटल टिंकरिंग लैब्स के स्कूली छात्रों और फिक्की, नैसकॉम, पीएचडीसीसीआई के उद्योग विशेषज्ञों के साथ भी बातचीत करेंगे।

अटल इनोवेशन मिशन के बारे में:

अटल इनोवेशन मिशन भारत भर में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति बनाने के लिए नीति आयोग की एक प्रमुख पहल है।

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एमजी/एआरएम/केपी


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