गृह मंत्रालय

फोरेंसिक प्रयोगशालाएं और फोरेंसिक अवसंरचना

Posted On: 24 JUL 2024 5:02PM by PIB Delhi

देश में 07 केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएं (सीएफएसएल) हैं। ये प्रयोगशालाएं चंडीगढ़, दिल्ली, भोपाल, पुणे, कोलकाता, गुवाहाटी और हैदराबाद में हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की फोरेंसिक प्रयोगशालाओं का राज्यवार विवरण अनुलग्नक में देखा जा सकता है।

सरकार देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए इको-सिस्टम सहित जांच और अभियोजन की क्षमताओं को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। देश में फोरेंसिक सुविधाओं को मजबूत बनाने की प्रक्रिया एक सतत और सतत प्रक्रिया है जो अंतर-विश्लेषण और मांग के आकलन पर निर्भर है। भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत 'पुलिस' और 'सार्वजनिक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा, अपराध और अपराधियों की जांच, अभियोजन और संबंधित फोरेंसिक विज्ञान सुविधाओं सहित जिम्मेदारियां संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की हैं।

देश में फोरेंसिक प्रयोगशालाओं और फोरेंसिक अवसंरचना को उन्नत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

(i) भोपाल, गुवाहाटी, पुणे और कोलकाता में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण।

(ii) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में मशीनरी और उपकरणों का उन्नयन, जिसमें नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में फोरेंसिक, डिजिटल फोरेंसिक, डीएनए फोरेंसिक विश्लेषण, फोरेंसिक मनोविज्ञान के नए विषय शामिल हैं।

(iii) चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण तथा अनुसंधान एवं विकास सुविधा की स्थापना।

(iv) डिजिटल धोखाधड़ी/साइबर फोरेंसिक के महत्वपूर्ण मामलों की जांच के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, हैदराबाद में एक राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला की स्थापना।

(v) ई-फोरेंसिक आईटी प्लेटफॉर्म का संचालन, जो देश में 117 फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (केंद्रीय और राज्य) को जोड़ता है।

(vi) गृह मंत्रालय ने 99.76 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ सांबा (जम्मू और कश्मीर) में एक केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है।

(vii) देश के सभी भागों में गुणवत्तापूर्ण और प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2020 में संसद के अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की स्थापना की गई है। एनएफएसयू का मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में है। इसके अतिरिक्त एनएफएसयू के परिसर दिल्ली, गोवा, अगरतला (त्रिपुरा), भोपाल (मध्य प्रदेश), धारवाड़ (कर्नाटक) और गुवाहाटी (असम) में हैं। एनएफएसयू ने इम्फाल (मणिपुर) और पुणे (महाराष्ट्र) में प्रशिक्षण अकादमियां भी शुरू की हैं।

(viii) कैबिनेट ने 19 जून 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक 2254.43 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ “राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना” को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में फोरेंसिक परीक्षण अवसंरचना को बढ़ाना, फोरेंसिक पेशेवरों की कमी को दूर करना तथा देश में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में लंबित मामलों को कम करना है। इस योजना में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के 09 ऑफ-कैंपस, देश में 07 केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना और एनएफएसयू के दिल्ली परिसर के वर्तमान अवसंरचना को बढ़ाना शामिल है।

(ix) निर्भया फंड योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण, साइबर-फोरेंसिक और संबंधित सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए सहायता दी जा रही है। 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 250.59 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

(x) 2080.5 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मोबाइल फोरेंसिक वैन सहित मशीनरी और उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली फोरेंसिक विज्ञान सुविधाएं विकसित करने तथा देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार के माध्यम से इन प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने के लिए सहायता उपलब्ध है। योजना के अंतर्गत अब तक 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण/उन्नयन” के घटक के लिए लगभग 186.12 करोड़  रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है और “देश के सभी जिलों और राज्य एफएसएल के लिए मोबाइल फोरेंसिक वैन” के घटक के लिए 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 159.12 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त एनएफएसयू के ऑफ-कैंपस और उत्कृष्टता केंद्रों तथा एनएफएसयू द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण/कौशल अकादमियों की स्थापना के घटक के लिए योजना के अंतर्गत 236.25 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।

(xi) "महिलाओं की सुरक्षा" पर अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक लैब, हैदराबाद की तर्ज पर पुणे, चंडीगढ़, कोलकाता, भोपाल, दिल्ली और गुवाहाटी स्थित छह सीएफएसएल में एक समर्पित साइबर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना को मंजूरी दी गई है, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय 126.84 करोड़ रुपए है। इसके अतिरिक्त सभी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं से प्राप्त फोरेंसिक डेटा को व्यवस्थित रूप से संग्रहीत करने के लिए उक्त योजना के अंतर्गत कुल 200.16 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय फोरेंसिक डेटा केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही योजना के अंतर्गत भोपाल, पुणे और गुवाहाटी स्थित सीएफएसएल में रिपोर्टिंग अधिकारियों के लिए आवासीय भवनों की स्थापना को भी 27.25 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।

(xii) फोरेंसिक जांच में गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय, गृह मंत्रालय ने निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी किए हैं:

- एनएबीएल मानकों (आईएसओ 17025) के अनुसार प्रयोगशालाओं के प्रत्यायन के लिए गुणवत्ता मैनुअल और फोरेंसिक विज्ञान के नौ विषयों में कार्य प्रक्रिया मैनुअल।

- जीव विज्ञान, डीएनए, रसायन विज्ञान, विस्फोटक, नारकोटिक्स, विष विज्ञान, आईसीजेएस फोरेंसिक पोर्टल, स्पीकर पहचान तथा कंप्यूटर फोरेंसिक के लिए गुणवत्ता मैनुअल और कार्य प्रक्रिया मैनुअल।

- जांच अधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों के लिए यौन उत्पीड़न मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह, संरक्षण और परिवहन के लिए दिशानिर्देश।

- फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना/उन्नयन के लिए उपकरणों की मानक सूची।

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजनाके अंतर्गत देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के 09 ऑफ-कैंपस की स्थापना को अन्य बातों के साथ-साथ 1309.13 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है। एनएफएसयू के ऑफ-कैंपस छात्रों की उपलब्धता, स्थान की व्यवहार्यता और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार की इच्छा आदि जैसे कारकों के आधार पर स्थापित किए जाते हैं। गृह मंत्रालय ने धारवाड़ (कर्नाटक) में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के ऑफ-कैंपस की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। यह परिसर वर्तमान में एक स्थायी परिसर के निर्माण तक एक ट्रांजिट परिसर के माध्यम से संचालित हो रहा है।

राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की फोरेंसिक प्रयोगशालाओं का राज्यवार ब्यौरा

अनुलग्नक

क्र.सं.

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

राज्य एफएसएल की संख्या

क्षेत्रीय एफएसएल की संख्या

1

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

1

0

2

आंध्र प्रदेश

1

5

3

अरुणाचल प्रदेश

1

0

4

असम

1

5

5

बिहार

1

2

6

छत्तीसगढ

1

3

7

दिल्ली

1

1

8

गुजरात

1

6

9

गोवा

1

0

10

हरियाणा

1

4

11

हिमाचल प्रदेश

1

2

12

झारखंड

1

0

१३

जम्मू और कश्मीर

1

0

14

केरल

1

3

15

कर्नाटक

1

7

16

पश्चिम बंगाल

1

2

17

मध्य प्रदेश

1

4

18

महाराष्ट्र

1

13

19

मणिपुर

1

0

20

मेघालय

1

0

21

मिजोरम

1

0

22

नगालैंड

1

0

23

ओडिशा

1

3

24

पुद्दुचेरी

1

0

25

पंजाब

1

3

26

राजस्थान

1

6

27

सिक्किम

1

0

28

तमिलनाडु

1

10

29

तेलंगाना

1

6

30

त्रिपुरा

1

0

31

उत्तर प्रदेश

1

11

32

उत्तराखंड

1

1

 

कुल योग

32

97

(स्रोत: फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय)

 

यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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