संस्‍कृति मंत्रालय

शास्त्रीय भाषाओं का प्रचार-प्रसार

Posted On: 22 JUL 2024 1:48PM by PIB Delhi

छह भारतीय भाषाओं अर्थात् तमिल, संस्कृत, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम और ओडिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। इन भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा निम्नलिखित वर्ष में वर्ष दिया गया है:

शास्त्रीय भाषा

अधिसूचना की तिथि

तामिल

12.10.2004

संस्कृत

25.11.2005

कन्नड़

31.10.2008

तेलुगू

31.10.2008

मलयालम

08.08.2013

उड़िया

11.03.2014

 

सरकार की नीति शास्त्रीय भाषाओं सहित सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआइएल ) चार शास्त्रीय भाषाओं अर्थात कन्नड़, तेलुगु, मलयालम और उड़िया सहित सभी भारतीय भाषाओं के प्रचार के लिए काम करता है। शास्त्रीय तमिल का विकास और प्रसार केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) द्वारा किया जाता है। भारत सरकार तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से संस्कृत भाषा को बढ़ावा दे रही है। इन विश्वविद्यालयों को संस्कृत भाषा में शिक्षण और अनुसंधान के लिए धन उपलब्ध कराया जाता है, जिससे छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है और संस्कृत के शास्त्रीय पहलू से संबंधित कोई भी कार्य करने के लिए कोई अलग से धन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। पिछले 10 वर्षों से विभिन्न शास्त्रीय भाषाओं के लिए प्रदान किए गए धन का विवरण अनुलग्नक-ए में दिया गया है।

शास्त्रीय मलयालम भाषा के संबंध में शास्त्रीय भाषा परियोजनाओं के संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।


अनुलग्नक - ए

शास्त्रीय भाषाओं के लिए बजट अनुदान स्वीकृत

(रुपये लाख में)

वर्ष

कन्नडा

तेलुगू

ओडिया

मलयालम

तामिल

2014-15

100.00

100.00

 

 

8.80

2015-16

100.00

100.00

 

 

11.89

2016-17

100.00

100.00

 

 

5.02

2017-18

100.00

100.00

 

 

10.27

2018-19

99.00

100.00

 

 

5.46

2019-20

107.00

107.00

 

 

9.83

2020-21

108.00

147.00

8.00

8.00

1200

2021-22

106.50

103.00

58.38

63.97

1200

2022-23

171.75

171.75

176.75

186.75

1200

2023-24

154.50

154.50

138.50

112.50

1525

यह जानकारी संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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