मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

मत्स्य पालन विभाग 12 जुलाई 2024 को तमिलनाडु के मदुरै में मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 का आयोजन करेगा

यह मछली किसानों, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं को अनुभव साझा करने और मत्स्य पालन के सतत विकास के लिए संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान करता है

मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान देने के साथ विभिन्न कार्यक्रम योजनाओं की उपलब्धियों पर विशेष फोकस

यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी प्रगति, चुनौतियों, अवसरों को साझा करने और भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक साथ लाने का प्रयास करता है

Posted On: 11 JUL 2024 12:43PM by PIB Bhopal

भारत में विभिन्न प्रकार की मछलिया पाई जाती हैं। यहां मत्स्य पालन के समृद्ध और विविध संसाधन हैं, जो हमारी जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। मत्स्य पालन और जलीय कृषि एक आशाजनक क्षेत्र है जो प्राथमिक स्तर पर लगभग 3 करोड़ मछुआरों और मछली किसानों को आजीविका और रोजगार के अवसर प्रदान करता है और मत्स्य पालन की मूल्य श्रृंखला के साथ कई और लोगों के लिए रोजगार सृजित करता है। भारत वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश भी है। वैश्विक स्तर पर, भारत जलीय कृषि उत्पादन में भी दूसरे स्थान पर है, , शीर्ष झींगा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है और तीसरा सबसे बड़ा कैप्चर फिशरीज उत्पादक है।

ये उपलब्धियां मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों का संचयी प्रभाव हैं। मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए और केंद्रित और समग्र विकास के लिए, भारत सरकार ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में अब तक के सबसे अधिक निवेश को स्वीकृति दी है। 38,572 करोड़ रुपये के कुल निवेश में मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ), भारत सरकार की योजनाओं जैसे नीली क्रांति योजना (5,000 करोड़ रुपये), मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ, 7,522 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई, 20,050 करोड़ रुपये) और पीएमएमएसवाई के तहत एक उप-योजना - प्रधानमंत्री मत्स्य समृद्धि सह योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई, 6000 करोड़ रुपये) के माध्यम से प्रभावशाली परियोजनाओं और पहलों के लिए वित्तीय सहायता शामिल है। इन्हें फरवरी 2024 में स्वीकृति दी गई।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ परामर्श को बढ़ावा देने, मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मछली किसानों, उद्यमियों और मछुआरों द्वारा किए गए योगदान को प्रदर्शित करने और विभिन्न मत्स्य विभाग की विभिन्न पहलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, 12 जुलाई 2024 को मदुरै, तमिलनाडु में 'मत्स्य ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024' का आयोजन किया जा रहा है।

मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 का आयोजन मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह के नेतृत्व में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन तथा तमिलनाडु सरकार की मत्स्य पालन मंत्री श्री अनिता आर. राधाकृष्णन की गरिमामयी उपस्थिति में मत्स्य पालन विभाग (भारत सरकार) द्वारा किया जा रहा है। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन मंत्रियों और अन्य प्रमुख प्रतिनिधियों की भी विशिष्ट उपस्थिति रहेगी।

मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 मछली किसानों, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं को अनुभव साझा करने और मत्स्य पालन के सतत विकास के लिए संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान करता है और यह प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना पर विशेष ध्यान देने और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नेतृत्व के साथ विभिन्न कार्यक्रम योजनाओं की उपलब्धियों को दर्शांएगा।

मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 में - मत्स्य प्रदर्शनी, मंत्रियों द्वारा राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार चर्चा, मत्स्य परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन और मछुआरों/मछुआरों के साथ बातचीत, लाभार्थियों को किसान क्रैडिट कार्ड वितरण और लाभार्थियों को पीएमएमएसवाई उपलब्धि पुरस्कार पत्र, मछली किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) पर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) का अभिनंदन आदि मुख्य आकर्षण होंगे।

मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ लाना है, ताकि वे अपनी प्रगति, चुनौतियों, अवसरों को साझा कर सकें और भविष्य की कार्ययोजना तैयार कर सकें। इसी संदर्भ में, संयुक्त सचिव (आईएफ) मत्स्य विभाग की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों, उनकी प्रगति और सफलताओं की जानकारी देंगे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), मत्स्य पालन में आईसीएआर की पहलों पर चर्चा करेंगे। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नेता राज्यों की प्रगति साझा करेंगे, उनकी चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और अपनी आगामी योजनाओं को सामने रखेंगे। इस प्रकार, मत्स्य पालन ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 2024 मत्स्य विभाग (भारत सरकार) और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभागों के लिए प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को निर्धारित करने और विकास पहलों को लागू करने के लिए दिशा प्रदान करेगा।

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