कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में 50वें (स्वर्णिम) उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) में सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शासन में नियम-आधारित से भूमिका-आधारित दृष्टिकोण में परिवर्तन पर बल दिया जा रहा है”

Posted On: 02 JUL 2024 7:21PM by PIB Bhopal

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) परिसर में लोक प्रशासन में 50वें (स्वर्णिम) उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) में सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।

लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रायोजित 10 महीने का एक लंबा पाठ्यक्रम है। यह संस्थान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अधीन भी आता है। प्रतिभागियों में भारत सरकार में उप सचिव/निदेशक या उससे उच्च स्तर के पद या समकक्ष पद पर अखिल भारतीय सेवाओं, रक्षा सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी सम्मिलित थे। इस कार्यक्रम के सफल समापन के बाद प्रतिभागियों को पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा लोक प्रशासन और सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की जाएगी। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) वर्ष 1975 से यह पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में 50वें उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) को संबोधित करते हुए स्वर्णिम उन्नत व्यावसायिक लोक प्रशासन कार्यक्रम (एपीपीए) का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार में सेवारत अधिकारियों को दिए जाने वाले उन्नत पाठ्यक्रम उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार भविष्य के लिए तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंद्रीय मंत्री महोदय ने सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने कर्मियों को बदलने, उनकी दक्षता बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए 'मिशन कर्मयोगी' शुरू किया है। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सीखने को सीमित नहीं करना चाहिए और उन्हें सीखते रहना चाहिए तथा साथियों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए

डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) के बारे में बोलते हुए कहा कि यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी ढांचे को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि अमृत काल में वर्ष 2047 की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक योग्यताएं प्रदान की जा सकें। उनके अनुसार इसका उद्देश्य सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान प्रदान करना तथा उन्हें नागरिक केंद्रित शासन दृष्टिकोण प्रदान करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों के साथ सार्वजनिक सेवा और सुशासन पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शासन में नियम-आधारित से भूमिका-आधारित दृष्टिकोण में परिवर्तन पर बल दिया गया है।" उन्होंने प्रतिभागियों का संचार और पारस्परिक कौशल विकसित करने के लिए भी मार्गदर्शन किया। उन्होंने उग्रवाद और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा किए, जहां जिला मजिस्ट्रेट और सेना अधिकारी दोनों ने संयुक्त सहयोग का उपयोग किया है। डॉ. सिंह ने शिकायत निवारण द्वारा शासन के संदर्भ में सरकार के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भविष्य के आवश्यक विकास मॉडल के लिए हमारा मार्गदर्शन करने के लिए सूचकांकों का विकास किया गया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि प्रशासनिक सुधार विभाग भविष्य में तेजी से बदलते परिदृश्य के लिए अधिकारियों की क्षमता को विकसित करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग के साथ एक 'दृष्टि पत्र' विकसित कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को बदलती प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग का उपयोग करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने सही कहा कि मानवीय स्पर्श की हमेशा आवश्यकता होती है। उन्होंने शिकायत निवारण के बाद निपटाए गए मामलों की प्रतिक्रिया लेने के लिए ह्यूमन डेस्क की स्थापना पर प्रकाश डाला, ताकि नागरिकों की सुनवाई हो सके और सुधार की गुंजाइश बनी रहे।

केंद्रीय मंत्री महोदय ने शासन में भारत की विशेषज्ञता को साझा करते हुए कहा, “स्वामित्व कार्यक्रम भूमि सुधारों के मामले में अन्य देशों के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करता है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भविष्य के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों से फीडबैक और सुझाव लिए तथा भविष्य में उन्हें लागू करने का आश्वासन दिया।

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के महानिदेशक श्री एस.एन. त्रिपाठी ने केंद्रीय मंत्री महोदय के निरंतर मार्गदर्शन और सक्रिय नेतृत्व के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री महोदय ने कई सकारात्मक उपायों का समर्थन किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की संयुक्त सचिव (प्रशिक्षण) डॉ. नीला मोहनन ने भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चलाने के लिए विभाग का मार्गदर्शन करने का श्रेय डॉ. जितेंद्र सिंह को दिया।

इस बातचीत के दौरान भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन, प्रोफेसर नीतू जैन और डॉ. साकेत बिहारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के करीब 30 वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हो रहे हैं

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